राष्ट्रीय

उपद्रव को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने की निंदा, कहा- असामाजिक तत्वों ने आंदोलन को तोड़ने की कोशिश की

Arun Mishra
26 Jan 2021 2:31 PM GMT
उपद्रव को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने की निंदा, कहा- असामाजिक तत्वों ने आंदोलन को तोड़ने की कोशिश की
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संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलनकारी किसानों के उपद्रव पर खेद जताया है.

दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान आंदोलनकारी किसानों ने जबरदस्त उत्पात मचाया. वे लाल किले पहुंच गए और वहां पर केसरिया झंडा फहरा दिया. नांगलोई में आंदोलनकारी किसानों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की. किसानों को काबू में करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पर. इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलनकारी किसानों के उपद्रव पर खेद जताया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने बयान में कहा, "आज की किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए हम किसानों को धन्यवाद देते हैं. हम आज होने वाली कुछ अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की भी निंदा करते हैं, उनसे असंबद्धता करते हैं, खेद जताते हैं.

बयान में कहा गया, "हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, कुछ लोग और संगठनों ने नियमों का उल्लंघन किया है और निंदनीय गतिविधियों में लिप्त हुए है. असामाजिक तत्वों ने इस शांतिपूर्ण आंदोलन को तोड़ने की कोशिश की है. हमने हमेशा माना है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है, और किसी भी हिंसक गतिविधि से आंदोलन को नुकसान पहुंचेगा. 6 महीने लम्बा और अब दिल्ली की सीमाओं पर 60 दिन से ज्यादा से चल रहे इस आंदोलन के कारण भी ऐसी स्थिति आयी हैं.

इसके साथ ही कहा गया, "हम इस तरह के सभी तत्वों से खुद को अलग करते है जिन्होंने अनुशासन भंग किया है. हम सभी से अपील करते हैं कि वे परेड के मार्ग और मानदंडों के अनुसार रहें. किसी भी हिंसक कार्रवाई या राष्ट्रीय प्रतीकों और मर्यादाओं को ठेस पहुंचाने वाली किसी भी गतिविधि में लिप्त न हों. हम सभी से अपील करते हैं कि वे ऐसे किसी भी कृत्य से दूर रहें."

बयान में आगे कहा गया कि सयुंक्त किसान मोर्चा की टीम आज की परेड संबंधी बनाई गई योजना के बारे में सभी घटनाओं की पूरी सूचना लेने की कोशिश कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही पूरी तस्वीर मिल जाएगी और एक विस्तृत प्रेस नोट जारी किया जाएगा. हमारी जानकारी यह है कि कुछ निंदनीय घटनाओं के बावजूद यह परेड अन्यथा शांतिपूर्ण चल रही है.

किसान नेताओं की तरफ से कहा गया कि अब 6 महीने से अधिक समय तक लंबा संघर्ष और दिल्ली की सीमाओं पर 60 दिनों से अधिक का विरोध भी इस स्थिति का कारण बना. हम अपने आप को ऐसे सभी तत्वों से अलग कर लेते हैं, जिन्होंने हमारे अनुशासन का उल्लंघन किया है. हम परेड के मार्ग और मानदंडों पर चलने के लिए सभी से दृढ़ता से अपील करते हैं और किसी भी हिंसक कार्रवाई या राष्ट्रीय प्रतीकों और गरिमा को प्रभावित करने वाली किसी भी चीज़ में लिप्त नहीं होते हैं. हम सभी से अपील करते हैं कि वे ऐसे किसी भी कृत्य से दूर रहें

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