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राहुल के खिलाफ वायनाड से NDA के उम्मीदवार होंगे तुषार वेल्लापेली, जानिए कौन हैं तुषार वेल्लापल्ली

Special Coverage News
1 April 2019 11:26 AM GMT
राहुल के खिलाफ वायनाड से NDA के उम्मीदवार होंगे तुषार वेल्लापेली, जानिए कौन हैं तुषार वेल्लापल्ली
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अमेठी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार वायनाड से भी चुनाव लड़ेंगे, उनके मुकाबले में एनडीए ने भी BDJS प्रमुख तुषार वेल्लापल्ली को मैदान में उतारा है.

नई दिल्ली : उत्तर भारत के बाद अब दक्षिण भारत की लड़ाई भी दिलचस्प होती जा रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार अमेठी के साथ-साथ केरल की वायनाड लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ेंगे. तो भारतीय जनता पार्टी ने भी उन्हें घेरने की तैयारी की है. NDA की ओर से भारत धर्म जन सेना (BDJS) के प्रमुख तुषार वेल्लापल्ली राहुल के खिलाफ ताल ठोकेंगे. वह मंगलवार को ही नामांकन दाखिल करेंगे.

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को ऐलान किया कि तुषार वेल्लापल्ली एनडीए की ओर से संयुक्त उम्मीदवार होंगे. बता दें कि तुषार वेल्लापल्ली ने अपनी इस पार्टी की शुरुआत साल 2016 में की थी, उन्होंने विधानसभा चुनावों में भी अपनी किस्मत आजमाई थी. हालांकि, उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिल पाई थी.

बीजेपी के साथ केरल में भारत धर्म जन सेना गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. इसके तहत बीजेडीएस 5 और बीजेपी 14 सीटों में चुनाव लड़ रही है. अब तक यह कहा जा रहा था कि भारत धर्म जन सेना (BDJS) के अध्यक्ष तुषार वेलापल्ली त्रिशूर से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन अब उन्हें राहुल गांधी को चुनौती देने के लिए वायनाड सीट से मैदान में उतारा है.

राहुल के खिलाफ वायनाड से चुनाव लड़ने वाले तुषार वेलापल्ली बीजेडीएस के अध्यक्ष हैं. उन्होंने 2016 में राजनीतिक पार्टी लॉन्च की थी. यह पार्टी श्रीनारायण धर्म परिपालन योगम (SNDP) का राजनीतिक संगठन है, जो इज़हावा समुदाय से जुड़ा है.

जमीनी स्तर पर देखा जाए तो वायनाड में इजहावा समुदाय के लोगों की अच्छी खासी तादाद है और हर चुनाव में इस समुदाय का असर भी दिखाई देता है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि तुषार वेलापल्ली लोकल हैं और वायनाड में अच्छी पकड़ रखते हैं और उन्हें उनके समुदाय का भी फायदा मिल सकता है. ऐसे में राहुल को वो कड़ी चुनौती दे सकते हैं.

तुषार के पिता वेलापल्ली नादेशन भी राजनीतिक पकड़ रखते हैं. वो श्रीनारायण धर्म परिपालन योगम (SNDP) के महा सचिव है. हाल ही में नादेशन लेफ्ट पार्टियों को सपोर्ट करने के लिए सुर्ख़ियों में छाए रहे.

हालांकि, बीजेडीएस का राजनीतिक इतिहास कुछ ख़ास नहीं रहा है. 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेडीएस ने बीजेपी के साथ गठबंधन में 36 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन एक भी सीट वो नहीं जीत पाए थे.

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