- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाने पर ट्विटर ने मांगी माफी, 30 नवंबर तक गलती सुधारने का वादा- मीनाक्षी लेखी
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) ने गलती से लद्दाख (Ladakh) को चीन (China) का हिस्सा बताने पर एक महत्वपूर्ण संसदीय पैनल से लिखित में माफी मांगी है और गलती को ठीक करने का वादा किया है. यह जानकारी डेटा प्रोटेक्शन बिल पर संसद की संयुक्त समिति की अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने दी है.
मीनाक्षी लेखी ने पीटीआई को बताया कि भारत के नक्शे के गलत जियो-टैगिंग के लिए ट्विटर की तरफ से माफी उसके चीफ प्राइवेसी ऑफिसर डेमियन करेन के साइन किए हुए एक हलफनामे के रूप में आई है.
उन्होंने बताया, "ट्विटर के चीफ प्राइवेसी ऑफिसर ने उस एफिडेविट में बताया है कि हम अपनी गलती मानते हैं, लद्दाख के एक हिस्से को गलत जियो-टैग करके चीन का हिस्सा दिखाया गया है." उसे ठीक करने के लिए ट्विटर को 30 नवंबर 2020 तक का समय लगेगा
"इस तरह की गलती देशद्रोह के बराबर"
पिछले महीने डेटा प्रोटेक्शन बिल पर संसद की संयुक्त समिति ने लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाने पर ट्विटर से काफी नाराजगी जताते हुए, कहा कि इस तरह की गलती देशद्रोह को बराबर होता है. साथ ही कमेटी की तरफ से अमेरिका आधारित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से एक हलफानामा के रूप में स्पष्टीकरण भी मांगा गया था.
लेखी की अध्यक्षता में पैनल के सामने आने पर ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधियों ने "माफी मांगी", लेकिन उन्हें सदस्यों द्वारा बताया गया कि यह एक आपराधिक मामला था, जिसने देश की संप्रभुता पर सवाल उठाया था. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एफिडेविट ट्विटर Inc. की तरफ से पेश किया जाना चाहिए, न कि इसकी मार्केटिंग आर्म की तरफ से.
"डेटा प्रोटेक्शन के लिए कानून बनाने पर काम जारी"
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि ट्विटर ने लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाए जाने पर लिखित में एक माफीनामा पेश किया है. साथ ही उन्होंने भारतीय भावनाओं को आहत करने के लिए माफी मांगी है और 30 नवंबर, 2020 तक अपनी गलती को सुधारने का वादा किया है.
लिखे ने आगे कहा कि डेटा प्रोटेक्शन को लेकर देश में कड़ा कानून नहीं है, उसे बनाना होगा और हम उस पर ही काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "देश की अस्मिता से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा."