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'मन की बात' में पीएम मोदी ने किया खुलासा, बताया- चुनाव के बीच केदारनाथ क्यों गए

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30 Jun 2019 6:07 AM GMT
मन की बात में पीएम मोदी ने किया खुलासा, बताया- चुनाव के बीच केदारनाथ क्यों गए
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कई लोगों ने मुझे चुनाव की आपाधापी में, मैं केदारनाथ क्यों चला गया, बहुत सारे सवाल पूछे हैं. आपका हक है, आपकी जिज्ञासा भी मैं समझ सकता हूं.

नई दिल्ली : एनडीए की दोबारा सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 30 जून को पहली बार मन की बात की। अंतिम बार प्रधानमंत्री मोदी ने 24 फरवरी को मन की बात की थी। उसके बाद चुनावों में व्‍यस्‍तता का हवाला देते हुए उन्‍होंने कहा था- अगले दो महीने हम सभी चुनाव की गहमागहमी में व्‍यस्‍त रहेंगे। मैं स्‍वयं चुनाव में प्रत्‍याशी रहूंगा। इसलिए अगली मन की बात मई महीने के अंतिम हफ्ते में होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस समय विश्‍वास दिलाया था कि मैं चुनाव के बाद एक नए विश्‍वास के बाद मन की बात फिर से करता रहूंगा और वर्षों तक करूंगा।

चुनाव के बीच केदारनाथ क्यों गए?

पीएम ने कहा- कई लोगों ने मुझे चुनाव की आपाधापी में, मैं केदारनाथ क्यों चला गया, बहुत सारे सवाल पूछे हैं। आपका हक है, आपकी जिज्ञासा भी मैं समझ सकता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि आज अन्य चीजों का खुलासा नहीं करेंगे, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि शायद उस एकांत गुफा में मुझे मन की बात के लंबे अंतराल के कारण होने वाले निर्वात को भरने का मौका मिला। मैंने केदारनाथ की यात्रा अपने आंतरिक स्वजनों से मिलने के लिए की। कुछ लोगों ने मेरी यात्रा का राजनीतिकरण किया।

इसके बाद पीएम ने कहा, 'कई लोगों ने मुझसे कहा था जब मैंने आखिर में कहा था कि हम तीन-चार महीने के बाद मिलेंगे, तो लोगों ने उसके भी राजनीतिक अर्थ निकाले थे और लोगों ने कहा कि अरे! मोदी जी का कितना कॉन्फिडेंस है, उनको भरोसा है। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि यह मेरा विश्वास था, जो आपके विश्वास का आधार था। असल में मैं नहीं आया हूं। आप मुझे लाए हैं। आपने ही मुझे बिठाया है और आपने ही मुझे एक बार फिर बोलने का अवसर दिया है।''

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2019 के आम चुनावों में, भारत ने अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए 61 करोड़ मतदाताओं को देखा। यह दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव था। अरुणाचल प्रदेश के एक सुदूर इलाके में, सिर्फ एक मतदाता के लिए, एक बूथ स्थापित किया गया था।

प्रधानमंत्री ने पहले कार्यकाल की आखिरी मन की बात फरवरी में की थी। इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से वापसी की उम्मीद जताई थी।

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