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स्वदेश लौटते ही इस्तीफा दे सकते हैं एम जे अकबर
युसूफ अंसारी
नई दिल्ली : मी टू कैंपेन के तहत अपने साथ काम करने वाली महिला पत्रकारों के आरोपों से चौतरफा घिरे विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर स्वदेश लौटते ही इस्तीफा दे सकते हैं। उनके करीबी सूत्रों से इसके संकेत मिले हैं। क़रीबी सूत्रों के मुताबिक एमजे अकबर इन आरोपों से बेहद परेशान और दुखी हैं। उन्होंने इस्तीफा देने का मन बना लिया है। सूत्रों का दावा है ही स्वदेश लौटते ही अकबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करके अपना इस्तीफा सौंप देंंगे।
गौरतलब है कि एमजे अकबर के साथ काम करने वाली नौ महिला पत्रकार अब तक उन पर यौन शोषण के आरोप लगा चुकी हैं। हर रोज इनकी तादाद बढ़ रही है। एमजे अकबर पर लगे इन गंभीर आरोपों से मोदी सरकार की छवि भी खराब हो रही है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतने आरोपों के बाद भी मोदी सरकार में अभी तक अभी अकबर मंत्री क्यों बने हुए हैं। मोदी सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया है। इसीलिए इस बात पर हैरानी जताई जा रही है कि हम जी अकबर के खिलाफ इतनेे आरोप लगने के बाद भी मोदी सरकार के तमाम मंत्री या तो इस मुद्दे पर चुप हैं या दबी जुबान में उनका बचाव कर रहे हैं।
दो दिन पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर चुप्पी साध ली थी। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी इस बारे में पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया। सिर्फ महिला और बाल विकास कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने इस पर खुलकर अपने विचार रखे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि ऊंचे पदोंं पर बैठे लोग अक्सर इस तरह की हरकतें करते हैं। यह बात राजनीति, फिल्म इंडस्ट्री, मीडिया और निजी कंपनियों पर भी लागू होती है। उन्होंने कहा है कि अगर महिलाएं अपने खिलाफ हुए ग़लत काम की शिकायत कर रही हैंं और खुल कर बोल रही हैंं उनकी बातों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और हर मामले में जांच के बाद दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उनके इस बयान से साफ है कि वो एमजे अकबर के खिलाफ कार्रवाई के पक्ष में है।
एमजे अकबर अभी नाइज़रिया के दौरे पर हैं। दौरान तमाम मीडिया चैनल और अखबारों की तरफ से उनसे फोन और एसएमएस के जरिए उन पर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया मांगी गई लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। उनके जल्द ही विदेशी दौरे से लौटने के आसार हैं। उनके नजदीकी सूत्रों ने इस बात के संकेत दिए हैं नाइजीरिया के दौरे से लौटते ही वह प्रधानमंत्री से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं।