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UP Board Exam 2024: यूपी बोर्ड में नए सत्र से सेमेस्टर प्रणाली होगी लागू, कुल आठ सेमेस्टर में होगी पढ़ाई
UP Board Exam 2024: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों पर पड़ने वाले पढ़ाई के बोझ को कम करने का फैसला लिया है. इसके लिए बोर्ड ने सेमेस्टर प्रणाली से पढ़ाई कराने का फैसला लिया है. सेमेस्टर प्रणाली अगले साल नए सत्र से लागू हो जाएगी. पढ़ाई के साथ ही परीक्षाएं भी सेमेस्टर प्रणाली की तहर ही होंगी. इसके साथ ही बोर्ड ने विज्ञान, कला और वाणिज्य वर्ग को समाप्त कर एक ही वर्ग का कोर्स चलाने का भी फैसला लिया है. जिसमें बोर्ड के सभी विषय शामिल होंगे. बता दें कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने नई शिक्षा नीति के अनुसार उच्च शिक्षा की तर्ज पर नौवीं से लेकर 12वीं तक के पाठ्यक्रम में बदलाव करने की योजना बनाई है.
जिसे नए सत्र से लागू कर दिया जाएगा. जिससे छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम होगा. छात्रों के ऊपर से पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए ही बोर्ड ने सेमेस्टर प्रणाली को लागू करने का फैसला लिया है. जिससे छात्र परीक्षा की बेहतर तैयारी कर पाएंगे और उनके रिजल्ट में भी सुधार होगा. शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, सेमेस्टर प्रणाली में 50 नंबर के सवाल प्रयोगात्मक होंगे. इनमें से 20 अंक के सवालों के जवाब ओएमआर शीट पर देने होंगे. जबकि 50 नंबर की लिखित परीक्षा होगी. लिखित परीक्षा में भी छात्रों को सवालों में विकल्प दिए जाएंगे. यानी इन विकल्पों में से ही छात्रों को सवालों के जवाब देने होंगे.
नए सत्र से लागू होने वाले सेमेस्टर प्रणाली में छात्रों के पास अपनी पसंद के विषय चुनने की आजादी होगी. यानी कोई भी छात्र अब कला वर्ग के विषयों के साथ विज्ञान और विज्ञान विषय के साथ कला और वाणिज्य के विषयों को भी चुन सकेंगे. क्योंकि बोर्ड ने कला, विज्ञान और वाणिज्य वर्ग को खत्म कर एक ही वर्ग कर दिया है. जिसमें छात्र अपनी पसंद के विषयों को चुनकर पढ़ाई कर पाएंगे. विभाग के मुताबिक रसायन, भौतिक, जीव और गणित पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने वाले छात्र भी इतिहास की पढ़ाई कर सकेंगे. अगर कोई छात्र भूगोल, इतिहास, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र और गृह विज्ञान विषय की पढ़ाई करना चाहता है तो वह विज्ञान वर्ग के विषय के साथ इन विषयों की पढ़ाई कर पाएंगे.
छात्रों के समग्र विकास की तैयारी
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कोर्स में सेमेस्टर प्रणाली लागू करने से छात्रों का समग्र शिक्षा का विकास होगा. साथ ही उनपर पढ़ाई का बोझ भी कम होगा और वह अपनी रुचि के विषय भी पढ़ सकेंगे. पाठ्यक्रम के साथ वह कौशल विकास से जुड़े कोर्स भी कर पाएंगे. साथ उन्हें इन विषयों के साथ तकनीक और समाज से जुडी शिक्षा का मौका भी मिलेगा. यही नहीं सेमेस्टर प्रणाली से कम समय में ही छात्रों का मूल्यांकन किया जा सकेगा. छात्र जिस विषय में कमजोर होगा उसे उसमें सुधार करने का भी मौका मिलेगा.