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UPSC Exam की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए खुशखबरी, 5 साल बाद हुआ कुछ ऐसा
नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस एग्जाम (UPSC Civil Service Exam) में हर साल लाखों छात्र शामिल होते हैं, लेकिन बहुत कम छात्रों को ही सफलता मिल पाती है. यूपीएससी एग्जाम की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए अच्छी खबर आई है और सिविल सेवा परीक्षा-2022 के लिए कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने सीटों की संख्या जारी कर दी है, जिसमें नियुक्ति के लिए कुल 1011 पद चिह्नित किए गए हैं.
5 साल बाद सीटों की संख्या 1000 हजार के पार
सिविल सर्विस एग्जाम (UPSC Civil Service Exam) में पांच साल बाद ऐसा हो रहा है, जब 1000 से ज्यादा सीटों के लिए चयन किया जाएगा. इससे पहले साल 2017 में एक हजार से ज्यादा सीटों के लिए चयन किया गया था. इससे पहले साल 2021 में 712, 2020 में 836, 2019 में 927, 2018 में 812 और 2017 में 1058 पदों के लिए चयन सिविल सर्विस एग्जाम के जरिए किया गया था.
इस बार कैसे बढ़ गईं सीटें
यूपीएससी ने 2 फरवरी को सिविल सेवा परीक्षा 2022 का नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें इस साल के लिए 861 वैकेंसी थीं. हालांकि अब रेलवे की 8 सेवाओं को मिलाकर एक कैडर IRMS ग्रुप ए बनाया गया है और इसमें भर्तियां सिविल सेवा परीक्षा के जरिए होंगी. हाल ही में इसकी अधिसूचना जारी की गई थी. बता दें कि IRMS की 150 वैकेंसी में से 6 दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रखी गई है. IRMS की नई वैकेंसी के लिए वही योग्यता है, जो सिविल सेवा परीक्षा 2022 के लिए रखी गई है. ऐसे में जो छात्र सिविल सेवा परीक्षा 2022 के लिए आवेदन कर चुके हैं, उन्हें फिर से आवेदन करने की जरूरत नहीं है.
180 आईएएस और 200 आईपीएस का चयन
इस साल भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए 180 सीटें निर्धारित हैं और साल 2012 से हर साल इतनी ही सीटें आईएएस के लिए निर्धारित की जा रही हैं. वहीं भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के लिए 200 सीटें चिह्नित की गई हैं और 2020 से हर साल इतने पदों के लिए ही चयन किया जा रहा है, जबकि साल 2009 से 2019 तक हर साल आईपीएस के लिए 150 सीटें निर्धारित थीं. इस साल भारतीय विदेश सेवा (IFS) की 38 सीटें हैं. इससे पहले 2009 से अबतक 30 से 45 के बीच आईएफस की सीटें जारी होती रही हैं.
कैसे होता है IAS-IPS-IFS का चयन?
यूपीएससी मेंस एग्जाम का रिजल्ट आने के बाद उम्मीदवार को एक डिटेल एप्लीकेशन फॉर्म (DAF) भरना होता है, जिसके आधार पर पर्सनैलिटी टेस्ट होता है. फॉर्म में भरी गई जानकारियों के आधार पर ही इंटरव्यू के दौरान सवाल पूछे जाते हैं. इंटरव्यू में मिले नंबर को जोड़कर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है और इसी के आधार पर ऑल इंडिया रैंकिंग तय की जाती है. अलग-अलग कैटेगरी (जनरल, SC, ST, OBC, EWS) की रैंकिंग तैयार की जाती है और रैंकिंग के आधार पर आईएएस, आईपीएस या आईएफएस रैंक दी जाती है. टॉप की रैंक वालों को आईएएस मिलता है, लेकिन कई बार टॉप रैंक पाने वालों का प्रेफरेंस IPS या IRS होता है तो नीचले रैंक वालों को भी IAS की पोस्ट मिल सकती है. इसके बाद के रैंक वालों को आईपीएस और आईएफएस पोस्ट मिलती है.