राष्ट्रीय

वैदिक मौसम पूर्वानुमान :नवंबर 2021 में कैसा रहेगा मौसम किस दिन होगी बरसात और कब पकड़ेगी बीमारी जोर

Shiv Kumar Mishra
1 Nov 2021 8:29 AM IST
वैदिक मौसम पूर्वानुमान :नवंबर 2021 में कैसा रहेगा मौसम किस दिन होगी बरसात और कब पकड़ेगी बीमारी जोर
x

Dr. Shesh Narayan Vajpayee

इस नवंबर के महीने में वर्षा की संभावना कम है तेज आँधी तूफानों को घटित होते बार बार देखा जाएगा |आँधी तूफानों का ऐसा भयप्रद स्वरूप कई वर्षों के बाद इस ऋतु में दिखाई देगा | चक्रवातों की आवृत्तियाँ बार बार देखने को मिलेंगी | वायु प्रदूषण की मात्रा इस महीने विशेष बढ़ी रहेगी |वायुप्रदूषण का स्तर वैसे तो संपूर्ण महीने ही बढ़ा रहेगा उसमें भी 6 से 9 नवंबर तक एवं 19 से 24 नवंबर तक वायुप्रदूषण का स्तर अन्य समय की अपेक्षा अधिक बढ़ा रहेगा | इस महीने तनाव अधिक बढ़ेगा | हिंसक आतंकी दुर्घटनाओं की अधिकता रहेगी | ऐसी प्राकृतिक एवं मनुष्य कृत दुर्घटनाओं वैसे तो पुरे नवंबर में ही रहेगी | उसमें भी 3, 4,5,6,7,16,17,18 ,19,20,21,22 तारीखें विशेष सतर्कता

सावधानी से पार की जानी चाहिए |सूखीखाँसी,दमा, बदनदर्द,दस्त आदि पाचन से संबंधित संक्रामक रोगों से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढ़ सकती हैं | आंदोलनों आरोपों प्रत्यारोपों की अधिकता रहेगी | उन्माद की मात्रा अधिक बढ़ जाने के कारण सभी क्षेत्रों में विवाद की संभावनाएँ अधिक बनेंगी| देश की सीमाओं पर एवं आतंकवाद प्रभावितप्रदेशों में विशेष सतर्कता बरती जानी चाहिए | मौसम पूर्वानुमान आज से दस हजार वर्ष पहले तक का जानने की विधि !

और अब विस्तार से -

1और2 नवंबर को अधिकाँश देशों प्रदेशों में बादलों की संभावना है |

3 नवंबर को हवाओं का वेग बढ़ना प्रारंभ हो जाएगा | क,हीं कहीं धूप होने से तापमान बढ़ने का अनुमान है |कुछ क्षेत्रों में आग लगने जैसी घटनाएँ घटित होते देखी जा सकती हैं | अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सतर्कता पूर्वक अग्नि का व्यवहार करना चाहिए |

4 और 5 नवंबर को सामान्य बादलों की उपस्थिति रहने का अनुमान है | कुछ प्रदेशों में हवाओं के वेग के साथ सामान्य वर्षा की संभावना है !यहाँ से आगामी कुछ दिनों के लिए मानसिक तनाव बढ़ना प्रारंभ हो सकता है | इसलिए वातावरण में तनाव व्याप्त होगा | अतएव अकारण विवाद पैदा हो सकते हैं पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन में ऐसे विवादों से बचने का प्रयत्न किया जाना चाहिए | जिन वार्ताओं में विवाद संभव हो उन्हें ऐसे समय में छेड़ने से बचा जाना चाहिए | सामाजिक आयोजनों आंदोलनों चुनावी रैलियों आदि को कुछ दिनों के लिए टाला जाना चाहिए | यहाँ से कुछ दिनों के लिए वायु प्रदूषण बढ़ना प्रारंभ होगा |

6 और 7 नवंबर को कुछ क्षेत्रों में आँधी तूफ़ान एवं वायुप्रदूषण बढ़ने लगेगा | सामाजिक वातावरण में मानसिक तनाव की मात्रा इस समय अधिकबढ़ती दिखाई देगी |इन दिनों में एक से अधिक चक्रवातों का निर्माण हो सकता है |सामान्यतौर पर इन दिनों में वर्षा नहीं होगी!केवल समुद्र के किनारे स्थित देशों प्रदेशों में आँधी तूफ़ान ओलावृष्टि अधिक वर्षा एवं बज्रपात होने की संभावना अचानक बन सकती है |इन दिनों में चक्रवातों का निर्माण हो सकता है |देश की सीमाओं पर अधिक सक्रियता बढ़ाई जानी चाहिए |इन दिनों आकाशीय एवं समुद्री उपद्रवों की संभावना है |इसलिए इन दिनों में ऐसी यात्राओं में विशेष सावधानीवरती जानी चाहिए |

8 नवंबर को ही वायुमंडल में ज्वलनशील गैसों की मात्रा अचानक बढ़ जाएगी |तापमान अन्य दिनों की अपेक्षा कुछ अधिक होगा | वर्षा होने की संभावना अत्यंत कम है |सामाजिक पारिवारिक राजनैतिक प्राकृतिक आदि तनाव में कमी आनी प्रारंभ होगी | धीरे धीरे वातावरण सामान्य होता चला जाएगा |

9 नवंबर को बादलों की आवाजाही बढ़ेगी | अधिकाँश क्षेत्रों में कृषि के लिए हितकर होकर वर्षा होगी |

10 और 11 नवंबर को हवाओं का वेग क्रमशः कम होने लगेगा | तापमान कम होगा |माध्यमस्तरीय वर्षा की संभावना अधिकाँश देशों प्रदेशों में बनती दिखाई पड़ेगी |

12और 13 नवंबर को भारत के जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल आदि में बर्फवारी हो सकती है | हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तरप्रदेश बिहार आदि में भी कहीं सामान्य वर्षा की संभावना है |

14 और 15 नवंबर को बादलों की उपस्थिति रह सकती है | वर्षा की संभावना कम है तापमान घटेगा तापमान कम रहेगा |

16 नवंबर को अन्य दिनों की अपेक्षा तापमान कुछ अधिक होगा !अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सतर्कता पूर्वक अग्नि का व्यवहार करना चाहिए |

17और 18 नवंबर को कुछ क्षेत्रों में तेज हवाएँ चलने की संभावना है सामाजिक वातावरण में उत्तेजना बढ़ने से इन दिनों विवाद बढ़ने की संभावना अधिक है | देश की सीमाओं पर उत्तेजना बढ़ सकती है | आतंकियों की क्रूरता की घटनाओं में वृद्धि हो सकती है | तेज हवाएँ कहीं कहीं आँधी का स्वरूप धारण कर सकती हैं | समुद्रों में लहरों की गति तीव्र एवं अधिक उन्नत होगी | समुद्र तटीय देशों प्रदेशों में तेज हवाओं के साथ वर्षा का वातावरण बनना संभव है |तीव्र चक्रवातों का निर्माण संभव है |

19और20 नवंबर को समुद्र के किनारे वाले देशों प्रदेशों में चक्रवाती वर्षा की संभावना अधिक है कहीं कहीं आँधी के साथ वर्षा हो सकती है |सामान्य वर्षा की संभावना कम है |वातावरण में तनाव व्याप्त रहेगा सभी प्रकार से सावधानी बरतते हुए समय व्यतीत करना चाहिए | देश की सीमाओं पर अधिक सक्रियता बढ़ाई जानी चाहिए |इन दिनों आकाशीय एवं समुद्री उपद्रवों की संभावना है |इसलिए इन दिनों में ऐसी यात्राओं में विशेष सावधानी वरती जानी चाहिए | इस समय दूसरे ग्रहों से आए धुएँ धूल से वायुप्रदूषण विशेष अधिक बढ़ जाएगा |

21 नवंबर को हवाओं का वेग बढ़ना प्रारंभ हो जाएगा !तापमान भी अधिक बढ़ चुका होगा !कुछ क्षेत्रों में आग लगने जैसी घटनाएँ घटित होते देखी जा सकती हैं | अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सतर्कता पूर्वक अग्नि का व्यवहार करना चाहिए |

22और23नवंबर को वातावरण में नमी बढ़ने लगेगी, बादलों की आवाजाही देखी जा सकती है कहीं कहीं अत्यंत अल्पमात्रा वर्षा एवं पहाड़ी क्षेत्रों में वर्फबारी हो सकती है |

24और 25 नवंबर को अन्य दिनों की अपेक्षा तापमान कुछ कम होगा !कहीं कहीं कृषि कार्यों के लिए हितकारी सामान्य वर्षा होने की संभावना है | वातावरण में नमी अधिक होगी | धूप धूमिल होगी |

26 और 27 नवंबर कोहिमालयी हवाओं का वेग बढ़ने से हवाओं में नमी की मात्रा बढ़ेगी |तापमान कम होगा |अधिकाँश देशों प्रदेशों में बादलों की उपस्थिति दिखाई पड़ेगी |जिससे कुछ क्षेत्रों में अच्छी वर्षा हो सकती है | पहाड़ी क्षेत्रों में वर्फबारी की संभावना बन सकती है |विशेषकर भारत के जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तर प्रदेश बिहार आदि में कुछ अधिक वर्षा हो सकती है |

28 और29 नवंबर को भारत के जम्मू कश्मीर के लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तरप्रदेश बिहार आदि में मध्यमस्तरीय वर्षा होने की संभावना है |

30 नवंबर को विश्व के अनेकों देशों प्रदेशों में बादलों की आवाजाही लगी रहेगी कहीं कहीं अत्यंत सामान्य वर्षा होने की संभावना है |

उत्पात का समय: 4 से 7 नवंबर तक एवं 17से 21 नवंबर के बीच उल्कापात बज्रपात जैसी प्राकृतिक घटनाएँ घटित हो सकती हैं |इस समय में आकाश से पाताल तक संपूर्ण प्रकृति में बेचैनी बढ़ेगी| इसीलिए इन दिनों में भूकंप ,बज्रपात एवं विमान दुर्घटना जैसे हिंसक हादसे घटित हो सकते हैं |समय के दुष्प्रभाव से अकारण वाहनों का टकरा जाना,बसों का खाई में गिरजाना,दंगा फैलना,सरकारों एवं शासन के बिरुद्ध आंदोलन, देशों की सीमाओं पर संघर्ष गोलीबारी तथा बमविस्फोट आदि हिंसक आतंकवादी घटनाओं के घटित होने की संभावना इस समय में अन्य समय की अपेक्षा अधिक रहती है |यहाँ तक कि सभी जीवों में मानसिक बेचैनी बढ़ने के कारण जीव अधिक हिंसक एवं आक्रमक हो सकते हैं |लोगों के चिंतन में हिंसा उन्माद की मात्रा अन्य समय की अपेक्षा इन दिनों में अधिक बढ़ जाएगी !इसलिए परिवारों, जातियों, संप्रदाओं, समुदायों, देशों में आपसी तनाव बढ़ सकता है |अतएव इन दिनों में विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए

आचार्य डॉ. शेष नारायण वाजपेयी व्याकरणाचार्य (एम.ए.),ज्योतिषाचार्य(एम.ए.ज्योतिष),एम.ए. हिन्दी,पी.जी.डिप्लोमा पत्रकारिता,पी.एच.डी. हिन्दी (ज्योतिष)

Next Story