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क्या सही में आडवाणी और मुरली मनोहर हो गये बीजेपी के धरोहर
कभी पिछले करीब तीन दशको से भारत मां के तीन धरोहर अटल, आडवाणी और मुरली मनोहर में जीवित दो नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी अब विधिवत रूप से पार्टी के धरोहर रह गये है.
यह दावा मैं नही कर रहा भाजपा द्वारा लोकसभा चुनाव के लिये जारी सूची से पता चल रहा है. पिछले दिनो दो दशक से गांधी नगर से सांसद चुने जाने वाले पार्टी के संस्थापक और दो सांसदो से पार्टी को सत्ता में पहुंचाने वाले लाल कृष्ण आडवाणी का पत्ता साफ किया गया और आज यू पी के कानपुर से मुरली मनोहर का.
हालांकि भाजपा के तीन धरोहरो में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी तो अपने जीवन में यह दुर्दिन नही देख पाये लेकिन लौह पुरूष लाल कृष्ण आडवाणी और विद्वान शिक्षक मुरली मनोहर जोशी यह दिन देखने के लिये बचे है. देखना है इन तीनो धरोहरो से मुक्त अब नयी भाजपा का चाल , चरित्र और चेहरा में क्या परिवर्तन आता है.
2019 लोकसाभ चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी चुन-चुनकर उम्मीदवारों को टिकट दे रही है. पार्टी का ये कदम, उम्रदराज हो चुके अपने कई नेताओं को चुनाव में कैंडिडेट ना बनाने के पार्टी के फैसले की ही एक कड़ी है. इस फैसले के तहत बीजेपी के संस्थापक और वरिष्ठ सदस्य लालकृष्ण आडवाणी को भी पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दिया है.