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क्या-क्या हुआ गलवान घाटी में चीन-भारत के बीच हिंसक झड़प के बाद?

Shiv Kumar Mishra
17 Jun 2020 4:20 AM GMT
क्या-क्या हुआ गलवान घाटी में चीन-भारत के बीच हिंसक झड़प के बाद?
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पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के कुल 20 सैनिक शहीद हो गए. हालांकि ये घटना सोमवार रात की है लेकिन मीडिया में यह खबर मंगलवार दोपहर 1.30 बजे के करीब आई. सेना की तरफ से एक बयान जारी कर बताया गया कि झड़प में एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए हैं.

सेना की तरफ से इस घटना पर जानकारी देते हुए कहा गया कि 'गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक टकराव हो गया. इस दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए. दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस वक्त इस मामले को शांत करने के लिए बड़ी बैठक कर रहे हैं.'

जिसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ी बैठक बुलाई. इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत समेत अन्य अफसर भी मौजूद थे. उधर भारतीय विदेश मंत्रालय भी एक्टिव हो गया.

हालांकि चीनी विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर आधिकारिक बयान देते हुए भारत पर ही घुसपैठ करने का आरोप लगाया. अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, बीजिंग ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने बॉर्डर क्रॉस करके चीनी सैनिकों पर हमला किया था. चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि भारत ऐसी स्थिति में एकतरफा कार्रवाई ना करे. हालांकि उनकी तरफ से चीनी सेना की क्षति को लेकर कोई बात नहीं कही गई.

कुछ ही देर बाद ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्टर ने अपने ट्विटर हैंडल पर जानकारी देते हुए लिखा कि इस झड़प में पांच चीनी सैनिकों की मौत हुई है जबकि करीब एक दर्जन जवान घायल हुए हैं. हालांकि, चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने इसकी पुष्टि करने से इनकार कर दिया.

रक्षा मंत्री के आवास पर बैठकों का दौर

लगभग तीन बजे तक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी को इस बारे में सारी जानकारी दे दी. वहीं शाम 6 बजे तक रक्षा मंत्री के घर पर प्रमुखों का आना जारी रहा. पहले सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, रक्षा मंत्री के आवास पहुंचे. बाद में चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत.

सीमा पर चीन से चल रहे तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ दो बैठकें कीं. शाम साढ़े सात बजे के करीब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इधर पीएम के साथ विदेश मंत्री की बैठक चल रही थी, उधर गृह मंत्रालय में भारत तिब्बत सीमा पुलिस और सैन्य अधिकारियों की बैठक हुई. बैठक में आईटीबीपी के डीजी एसएस देसवाल भी मौजूद रहे.

पीएम मोदी के आवास पर बैठक

विदेश मंत्री एस जयशंकर के बाद गृह मंत्री अमित शाह पीएम मोदी से मिलने 7- लोक कल्याण मार्ग पहुंचे. उधर बीजिंग में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने चीनी विदेश मंत्रालय से संपर्क कर सीमा पर चल रहे गतिरोध पर बातचीत की.

रात 10 बजे के करीब खबर आई कि चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के कुल 20 सैनिक शहीद हुए हैं. थोड़ी ही देर बाद यह जानकारी आई कि चीन की तरफ भी 43 सैनिक हताहत हुए हैं. रात 10.30 के करीब प्रधानमंत्री आवास पर सीसीएस की बैठक खत्म हुई. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे. हालांकि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की बैठक देर रात तक जारी रही.

LAC हिंसक झड़प पर UN चीफ ने जताई चिंता

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच संघर्षों को लेकर चिंता जाहिर करते हुए दोनों देशों से संयम बरतने के अपील की है. संयुक्त राष्ट्र के सहयोगी प्रवक्ता एरी कनेको ने कहा, हम वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच हिंसा और मौतों की खबरों को लेकर चिंतित हैं. दोनों पक्षों से अपील है कि वे अत्यधिक संयम बरतें.

हिमाचल में सीमा पर अलर्ट

चीन और भारतीय सेना के बीच हुई तनातनी के चलते हिमाचल प्रदेश से सटी चीनी सीमा के इलाकों में अलर्ट किया गया. अलर्ट के साथ ही हिमाचल पुलिस ने सूबे की सभी खुफिया एजेंसियों को सतर्क किया. राज्य के जिला किन्नौर और लाहौल स्पीति में रह रहे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एडवायजरी भी जारी की गई. हिमाचल के दो जिलों किन्नौर और लाहौल स्पीति के साथ चीन की सीमा लगती है.

इससे पहले इस घटना पर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया था. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत ने हमेशा LAC का सम्मान किया और चीन को भी ऐसा करना चाहिए. मंत्रालय ने कहा कि LAC पर कल जो हुआ उससे बचा जा सकता था. दोनों देशों को नुकसान उठाना पड़ा है.

भारतीय जवानों की शहादत पर बोली कांग्रेस- यह स्वीकार नहीं

मंगलवार दोपहर जैसे ही लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक टकराव की बात सामने आई, कांग्रेस ने सरकार से इस घटना की पुष्टि करने की मांग की. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, 'यह हैरान करने वाला, अविश्वसनीय और अस्वीकार्य है. क्या रक्षा मंत्री इसकी पुष्टि करेंगे?'

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता डॉक्टर रागिनी नायक ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि भारत माता खून के आंसू रो रही हैं. पाकिस्तान, चीन और नेपाल हमें धमका रहे हैं. उन्होंने लिखा, '56 इंच का सीना, लाल आंखें, देश नहीं झुकने दूंगा... सब झूठ, सब बकवास.. 45 सालों में पहली बार भारत-चीन सीमा के आस-पास हमारे वीर जवानों की शहादत हुई है. भारत माता खून के आंसू रो रहीं हैं. पकिस्तान,ची न और नेपाल लगातार हमें धमका रहे हैं और मोदी मुंह में दही जमाए बैठे हैं.'

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि इस दुख की घड़ी में देश आपके साथ खड़ा है. उन्होंने घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि चीन की ओर से लगातार की जा रही हरकतों के खिलाफ अब देश को खड़ा होना होगा. कैप्टन ने कहा कि अब वक्त आ गया है, जब भारत सरकार कड़े कदम उठाए. उन्होंने कहा कि हमारी ओर से कमजोरी का प्रत्येक संकेत चीन की प्रतिक्रिया को और लड़ाकू बनाएगा.

]वहीं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने गलवान से आ रही रिपोर्ट को परेशान करने वाला बताया. उन्होंने सवाल किया कि डे-एस्केलेशन की प्रक्रिया के दौरान हमारे सैनिकों ने जान क्यों गंवाई? राष्ट्र हित में प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को चीन के साथ सीमा विवाद की स्पष्ट तस्वीर देश के सामने पेश करनी चाहिए.

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