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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को कोरोना वायरस संकट से निपटने में देश के सामूहिक संकल्प का प्रदर्शन करने के वास्ते रविवार रात दीये जलाने की याद दिलाई है। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में लोगों को याद दिलाते हुए ट्वीट किया, 'रात नौ बजे नौ मिनट।' पीएम मोदी ने शुक्रवार को लोगों से अनुरोध किया था कि वे कोरोना वायरस को हराने में देश के सामूहिक संकल्प का प्रदर्शन करने के लिए पांच अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए अपने घरों की बत्ती बुझाएं और मोमबत्ती, दीये या मोबाइल फोन की लाइट या टॉर्च जलाएं।
पीएम के दीया जलाने की अपील पर मन में कई सवाल
पीएम मोदी की इस अपील के बाद से ही कई लोग सवाल उठा चुके हैं कि आखिर दीया जलाने से कोरोना जैसे खतरनाक वायरस को कैसे हराया जा सकेगा। क्या दीया जलाने से कोरोना वायरस भाग जाएगा। क्या कोरोना रोशनी से डरता है, ना जाने ऐसे ही कई सवाल जेहन में उठ रहे हैं। इन सवालों के जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले कुछ दिनों के राष्ट्र के नाम संबोधन में ही छुपा हुआ है। आइए इसे समझने की कोशिश करते हैं।
पीएम ने पहले एक दिन का किया 'जनता कर्फ्यू'
कोरोना के वैश्विक महामारी का रूप लेने की बातें मार्च महीने की शुरुआत से ही होने लगी थीं। भारत सरकार ने कुछ ऐहतियाती कदम भी उठाए थे, लेकिन वह नाकाफी साबित हो रहे थे। तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया और 22 मार्च को देशवासियों से 'जनता कर्फ्यू' की अपील की। जनता कर्फ्यू यानी रविवार को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक लोगों से घरों के अंदर रहने की अपील की गई। यह परीक्षा की इस घड़ी में पहला बड़ा कदम था। इससे देशवासियों में सामूहिकता और उसकी ताकत का अहसास हुआ।
पीएम ने लोगों से थाली-बर्तन बजवाए
जनता कर्फ्यू के दिन ही प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से अपील की कि वे शाम पांच बजकर पांच मिनट पर घर की बालकनी में आ जाएं और थाली, बर्तन जो भी मिले उसे बजाएं। इसके जरिए देशवासियों ने उन डॉक्टर, नर्स, सफाईकर्मी, मेडिकल स्टॉफ, पुलिस वालों आदि के प्रति सम्मान प्रकट किया, जो कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं। इससे देश को कोरोना से बने हालात का धीरे-धीरे अहसास हो रहा था।
जनता कर्फ्यू से देश की जनता को परखा
एक दिन के जनता कर्फ्यू के जरिए पीएम मोदी ने अनेकता में एकता वाले देश के लोगों के संयम को परखा। साथ ही थाली-बर्तन की गूंज से दुनिया को भी दिखा दिया कि हम भारतीय अपने राष्ट्र के प्रति कितने समर्पित हैं। भारतीयों ने जनता कर्फ्यू को सफल बनाकर दुनिया को संदेश दिया है कि हम वास्तव में लोकतांत्रिक हैं, हमें चीन, इटली, स्पेन की तरह डराकर घरों में कैद करने की जरूरत नहीं है। हम जरूरत के वक्त स्वेच्छा से खुद को घरों में कैद करने में सक्षम हैं।
21 दिनों के लॉकडाउन का किया ऐलान
इसके बाद 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से देश की जनता से मुखातिब हुए। इस बार उन्होंने 21 दिनों के संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की। जनता कर्फ्यू के जरिए देश के संयम की ताकत समझने के बाद पीएम मोदी ने लॉकडाउन जैसा कठोर फैसला लिया। वह समझ चुके थे कि देशहित में जनता सख्त आदेश का पालन करने में सक्षम है। एक तरफ जहां चीन समेत दुनिया के बाकी देशों में प्रशासनिक सख्ती का प्रयोग कर लोगों को घरों में रहने को मजबूर किया जा रहा है, वहीं हम भारतवासी स्वेच्छा से अपने घरों में रह रहे हैं। लॉकडाउन शुरू होने के बाद दो-तीन दिनों तक लोगों के बीच यही बातें होती रहीं कि क्या सामान मिलेगा, कैसे खाना खाएंगे, सब्जी कहां से आएगी, दवाई मिलेगी या नहीं आदि बातें होती रहीं। हालांकि अब सरकार और देश के लोगों ने मिलकर इस समस्या को करीब-करीब सुलझा लिया।
लॉकडाउन से पैदा होने लगे नकारात्मक विचार
लॉकडाउन के पांच-छह दिन बीत जाने के बाद दुनियाभर से खबरें आने लगीं कि लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है। इस बीच तबलीगी जमात के लोगों की लापरवाही के चलते अचानक से देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो गई। इसके बाद चर्चा शुरू होने लगी कि आखिर लॉकडाउन कब तक चलेगा। क्या सरकार इसे और आगे बढ़ाएगी। इन चर्चाओं के चलते देश में नकारात्मक चर्चाएं भी शुरू हो गईं।
तब पीएम मोदी ने देश से की दीया जलाने की अपील
इस माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर वीडियो संदेश के जरिए देश से मुखातिब हुए। उन्होंने अपनी बातों के जरिए देशवासियों में उत्साह भरने की कोशिश की। साथ ही कहा कि कोरोना वायरस को हराने में देश के सामूहिक संकल्प का प्रदर्शन करने के लिए पांच अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए अपने घरों की बत्ती बुझाएं और मोमबत्ती, दीये या मोबाइल फोन की लाइट या टॉर्च जलाएं। पीएम मोदी की इस अपील को समझने के लिए हमें अपनी पौराणिक कथाओं पर ध्यान देना चाहिए। देश में जिन भी लोगों का जुड़ाव गांव से रहा है और अगर उन्होंने बिना बिजली वाले दौर को जिया है तो वे दीया जलाने की वजह को थोड़ी आसानी से समझ पाएंगे।
जब हर शाम जलाया जाता था दीया
जब हमारे घरों में बिजली नहीं थी या नहीं के बराबर आती थी तब शाम ढलते ही घर में दीया या लालटेन जलाई जाती थी। घर का एक सदस्य इस जलते हुए दीये या लालटेन को लेकर घर के हर हिस्से में जाता था। ज्यादातर ये काम घर की महिलाएं करती थीं या बच्चों को करने दिया जाता था। इतना तो हम सभी समझते हैं कि अंधकार नकारात्मक ऊर्जा को पनाह देता है, जबकि रोशनी सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। घर में हर शाम दीया जलाने के बीच यही सिद्धांत होता है।
प्रकाश से नकारात्मकता दूर करना चाहते हैं पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी बात को आज के दौर में करने की सलाह दी है। वह प्रकाश के जरिए देश में फैली नकारात्मक ऊर्जा का नाश करना चाहते हैं। साथ ही वह लोगों के जरिए प्रकाश का इंतजाम कर उनके अंदर के आत्मविश्वास को बढ़ाना चाहते हैं। इस बात को स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज की कही बातों से भी समझ सकते हैं।
जीवन की स्वाभाविक मांग भी प्रकाश है
अवधेशानंद गिरी जी महाराज कहते हैं, ' हमारी संस्कृति प्रकाश की है। हमने सदैव आलोक को अपनाया है। प्रकाश एक उत्सव है, वह खुद में जीवन है। इस वैश्विक संकट के दौर में हम उत्साह के साथ प्रकाश का आह्वान करें। जितना भी हमारे आस-पास कठिनाई, अभाव, संशय, भय, अज्ञान जन्य द्वंद और दुख है उनके लिए भी हमने ज्ञान के प्रकाश का सहारा लिया है। प्रकाश के जरिए हम अपने अंदर की आत्मशक्ति को जगाएं। वह कहते हैं जीवन का सत्य भी प्रकाश ही है। जीवन की स्वभाविक मांग भी प्रकाश है। रेसलर बजरंग पुनिया कहते हैं कि जब हम किसी घटना के बाद मोमबत्ती लेकर प्रदर्शन कर सकते हैं तो दीया जलाकर पूरे विश्व को एकता का संदेश भी दे सकते हैं।
मजबूत इच्छाशक्ति से हारेगा कोरोना
कुल मिलाकर पीएम मोदी के इस आह्वान के मायने बस इतना ही है कि हम प्रकाश का सहारा लें। कोरोना वायरस जैसे वैश्विक महामारी से हमें केवल प्रकाश यानी सकारात्मक ऊर्जा ही बचा सकती है क्योंकि इस वायरस को हराने के लिए कोई दवाई नहीं है। उसे केवल अपने अंदर की मजबूत इच्छाशक्ति और सोच से ही हराया जा सकता है। क्योंकि यह वायरस केवल मजबूत इम्यूनिटी के सामने ही हारता है। शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अच्छा भोजन के साथ सकारात्मक सोच की भी जरूरत होती है। इसके लिए घर में ही रहें और अपनी बालकनी या दरवाजे पर 9 बजे 9 मिनट के लिए दीया जलाएं।