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काली कमाई के धनकुबेर कहे जा रहे पीयूष जैन के बाद इनकम टैक्स की टीम ने समाजवादी इत्र लांच करने वाले पुष्पराज जैन के यहां छापेमारी शुरु कर दी है। सपा मुखिया अखिलेश यादव इसे भाजपा द्वारा की जा रही बदले की कार्रवाई करार दिया है। कोरोना की पहली लहर के बाद लगे लॉकडाउन में पुष्पराज जैन ने जनज्वार से बात करते हुए इत्रनगरी की दुश्वारियों के बारे में खुलकर बताया था।
बताते चलें कि पुष्पराज जैन एक कुशल व्यापारी होने के साथ ही सामाजिक सरोकारों के भी काम करते रहते हैं। वह समाजवादी पार्टी के एमएलसी भी हैं। कहा यह भी जा रहा कि पम्पी के ठिकानों पर छापे के बहाने सत्तादल विपक्ष के खजाने पर चोंट करने की जुगत भिड़ा रहा है। तो चलिए आपको बताते हैं पुष्पराज उर्फ पम्पी जैन जिस पर जारी है रेड...
कौन हैं पम्पी जैन
पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी एक ऐसा नाम है, जिसने फूलों की खुशबू के जरिये व्यापार से लेकर सियासत तक अच्छा मुकाम हासिल किया है। दुनिया के 30 देशों तक इत्र का कारोबार पहुंचाया। साल 2016 में इटावा-फर्रुखाबाद क्षेत्र से पम्पी जैन को सपा एमएलसी चुना गया था। पम्पी के पिता सवाईलाल जैन गुजराती थे। कारोबार के सिलसिले में उनका कन्नौज आना जाना रहता था। इस दौरान छिपट्टी मुहल्ले में रहने वाली चिंतामणि जैन से उनका विवाह हुआ।
साल 1950 में पिता और माता ने प्रगति अरोमा ऑयल डिस्टिलर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्म शुरू की। साल 1989 में पुष्पराज और उनके भाई अतुल जैन ने कारोबार संभाला। छोटे भाई प्रभात और पंकज मुंबई में रहकर कारोबार संभालते हैं। मौजूदा समय में इन्होने देश के कई राज्यों के अलावा लगभग 30 देशों में खुशबू का कारोबार फैलाया।
कांफ्रेंस में जाने की नहीं मिली अनुमति
पम्पी के ठिकानों पर कार्रवाई को दौरान अधिकारियों ने सपा कार्यालय जाने की बात पर पुष्पराज जैन को मना कर दिया। जैन ने कहा कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव की प्रेस कांफ्रेंस है। जिसमें उनको बी शामिल होना है। जिसपर आयकर अफसरों ने उन्हें रोकते हुए जांच में सहयोग करने की बात कही और जाने से रोक दिया।
पीयूष से पहले पम्पी पर होनी थी कार्रवाई
बीते दिनों इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर हुई बड़ी कार्रवाई दरअसल पम्पी जैन के यहां होने वाली थी। हालांकि, बताया जा रहा की डीजीजीआई के हाथ पीयूष के रूप में बड़ी मछली हाथ लग गई। सरकारी मशीनरी पीयूष में इस कदर उलझी की वह बार-बार कहे जाने के बाद भी पम्पी पर ध्यान नहीं दे पाई। आखिरी समय तक जांच टीम पीयूष का पम्पी जैैन से कनेक्शन साबित करना चाहती थी। जो अब तक नहीं कर पाई। यही वजह रही की अब सीधे पम्पी जैन की घेरेबेदी करनी पड़ी।
कारोबार से राजनीति तक
शहर में पम्पी का पेट्रोल पंप, कोल्ड स्टोरेज है। बताया जा रहा की वे करीब 20 से 25 कंपनियों में पार्टनर भी हैं। साल 2016 में उनके द्वारा दिए गये चुनावी हलफनामे के अनुसार पुष्पराज और उनके परिवार के पास 37.15 करोड़ रूपये की चल संपत्ति और 10.10 करोड़ की अचल संपत्ति है। पम्पी का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। पम्पी ने कन्नौज के इंटर कॉलेज से बारहवीं तक पढ़ाई की है। उनकी कोई संतान नहीं है। वह आज भी भाईयों के साथ संयुक्त परिवार में रहते हैं।
सामाजिक सरोकार
पुष्पराज उर्फ पम्पी जैन हर साल कोल्ड स्टोरेज में नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन करते हैं। जिसमें पड़ोसी जिलों से आए मरीजों तक की आंखों का ऑपरेशन होता है। पम्पी ने अपनी माता चिंतामणि के नाम से एक भव्य मंदिर भी बनवाया है। इसके अलावा छिपट्टी में बने एक प्राथमिक विद्यालय का भवन बनवाने में भी सहयोग किया है।