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बीजेपी शासन में कोई घटना दुर्घटना के लिए सरकार दोष नही, क्योंकि विपक्ष ही करते हे ये काम?
'भाजपा के शासन में यदि रेल दुर्घटना हो तो रेल मंत्रालय का कोई दोष नही होता। वो पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई की साजिश होती है। जब भी देश मे कहीं किसान आंदोलन करते हैं। तो वो वामपंथियों की साजिश होती है। भजन मंडली उन आंदोलन रत किसानों को करोड़पति साबित करने पर उतारू हो जाती है।
कोरोना महामारी के लिए तबलीगी जमात को जिम्मेदार ठहराते रहे, बाद में पूरे विश्व में कोरोना फ़ैल गया जबकि कुछ तबलीगी जमात के लोग आज भी जेल में बंद है। कुछ को हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट ने जमानत दिलाई।
उसके बाद किसान बिल सरकार ने पेश किया और राज्यसभा में जो हुआ सबने देखा लेकिन सबने आँख मुद ली अब अगर विपक्षी दल विरोध कर रहे है तो वो देशद्रोही का काम कर रहा है। यहाँ सबसे बड़ी बात है कि जब सरकार कहीं भी फंसे तो देशद्रोह का नाटक रच कर उसे गलत साबित कर दो या फिर उसे कुक अलग एंगिल से देखो।
अगर यही घटना समझाओ तो सब बुरा मान जाते है ये ही बीजेपी जब विपक्ष में होती थी और अगर रेल दुर्घटना हो जाती थी तो संसद तब तक नहीं चलने दी जाती थी जब तक रेल मंत्री का इस्तीफा नहीं हो जाता। तो फिर आज ये सब क्यों हो रहा है? हां अब ये कहोगे कि देश बदल रहा है, जरुर तुम जरुर बदल दोगे।
जब सेना के पूर्व जवान अपनी मांगों को लेकर जंतर मंतर पर धरना देते हैं तब वो गद्दार कहे जाते हैं। भाजपा शासन में यूपी की बिगड़ी कानून व्यवस्था में विपक्ष का हाथ होता है। ऑक्सीजन की कमी से मरे बच्चों के लिए अगस्त महीने को दोष दिया जाता है। गैर बीजेपी शासित राज्यों में कोई घटना हो तो मीडिया मुख्यमंत्री से जबाब मांगती है,जबकि बीजेपी शासित राज्यो में इसी तरह के कांड के लिए प्रशासन पर जिम्मेदारी डाल दी जाती है।
अब लेटेस्ट जोक सुनिए, हाथरस के रेप हत्याकांड के बाद इस्लामी मुल्कों से फंड लेकर बेबसाइट बनाई गई। जातीय दंगो की साजिश थी। कोई इनसे पूछे कि हाथरस में धारा 144 लागू होने के वावजूद पुलिस की मौजूदगी में किसकी शह पर सवर्ण पंचायत में लगातार हुंकार,ललकार हो रही है, इसमें जातीयता क्यों नही दिखती ? हम इस मुल्क के जाति , धर्म सम्प्रदाय की राजनीत से दूर करके ही आगे ले जा सकते है।
खैर, कितने मासूम लोग सत्ता में हैं इनका कभी कोई दोष नही होता और इनका बचाव करते हुए भक्त कितने क्यूट लगते हैं!
जस्ट चिल यारों, कुछ नया लाओ। ये सब बहाने पुराने हो गए।