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नोटबंदी की वजह से 1.52 लाख लोंगों हुए बेरोजगार - लेबर व्यूरो
शिव कुमार मिश्र
21 May 2017 8:33 AM GMT
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नई दिल्ली: नोटबंदी की मार इस साल सबसे ज्यादा कैज़ुअल वर्कर्स पर देखने को मिली है। सरकार ने पिछले साल 8 नवबंर को 500 और 1000 के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। लेबर ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के चलते कम से कम 1.52 लाख के करीब कैज़ुअल वर्करों ने अपनी नौकरियां गंवाई हैं। लेबर ब्यूरो की यह रिपोर्ट आईटी, ट्रांसपोर्ट और मैनुफैक्चरिंग समेत 8 सेक्टरों पर आधारित है। ब्यूरो ने ये आकंड़ें 1 अक्टूबर 2016 से 1 जनवरी 2017 के बीच गई नौकरियों के आधार पर पेश किए हैं।
सर्वे के मुताबिक जहां फुल-टाइम वर्करों की संख्या में 1.68 लाख का इज़ाफा हुआ है वहीं 46,000 पार्ट-टाइम वर्करों की संख्यां में कमी आई है। अक्टूबर से दिसंबर के दौरान कॉन्ट्रैक्ट और नियमित नौकरियों में क्रमश: 1.24 लाख और 1.39 लाख की बढ़ोतरी देखी गई। पिछली तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 8 सेक्टरों में 1.22 लाख की वृद्धि हुई।
मैनुफैक्चरिंग, ट्रे़ड, ट्रांसपोर्ट, आईटी-बीपीओ,एजुकेशन और हेल्थ स्वास्थ्य ने 1.23 लाख श्रमिकों की अनुमानित वृद्धि के साथ योगदान दिया जबकि कंस्ट्रक्शन सेक्टर में गिरावट देखी गई। आवास और रेस्तरां क्षेत्र में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिला है। रोजगार के अवसरों में शामिल क्षेत्रों में मैनुफैक्चरिंग, ट्रे़ड, आईटी / बीपीओ, ट्रांसपोर्ट, एजुकेशन और हेल्थ शामिल हैं। 1.22 लाख रोजगार में महिलाओं की संख्या 52,000 और पुरुषों की संख्या 70,000 है। जबकि सेल्फ एंप्लॉयीड सेक्टर में 11,000 की बढ़त देखी गई।
स्रोत NBT
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