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ट्रिपल तलाक मुस्लिमों में शादी तोड़ने का सबसे बुरा तरीका : सुप्रीम कोर्ट
Arun Mishra
12 May 2017 9:24 AM GMT
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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक को लेकर आज दूसरे दिन भी सुनवाई जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि मुस्लिमों में ट्रिपल तलाक शादी तोड़ने का सबसे खराब तरीका है। ये भी कहा कि ये ऐसी प्रोसेस है जिसकी शायद ही किसी को इच्छा होती होगी। कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि देश से बाहर दूसरे देशों में ट्रिपल तलाक को लेकर क्या स्थिति है?
पूर्व कानून मंत्री और सीनियर एडवोकेट सलमान खुर्शीद ने कहा, ये ऐसा मुद्दा नहीं है जहां ज्यूडिशियल दखल की जरूरत हो। ज्यादातर मुस्लिम महिलाओं को निकाहनामा के आधार पर ट्रिपल तलाक को न कहने का अधिकार है। सलमान खुर्शीद ने इस मसले को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के मत पर सवाल उठाते हुए कहा की बोर्ड के मुताबिक ट्रिपल तलाक गलत है ,पाप है लेकिन इसके बावजूद कानूनन वैध है।
इस पर कोर्ट ने खुर्शीद से उन इस्लामिक और गैर-इस्लामिक देशों की लिस्ट बनाने को कहा, जहां ट्रिपल तलाक बैन है। बेंच ने ये भी कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, मोरक्को और सऊदी अरब जैसे देशों में शादी तोड़ने के लिए ट्रिपल तलाक को मान्यता नहीं दी गई है।
वहीं फोरम फॉर नैशनल सिक्योरिटी की तरफ से पेश हुए राम जेठमलानी ने कहा ट्रिपल तलाक शादी को खत्म करने का वैसा तरीका है जिसमें केवल पुरुषों को ही अधिकार मिला हुआ है, न कि महिलाओं को। जेठमलानी ने कहा कि ट्रिपल तलाक संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। शादी खत्म किए जाने के इस एकतरफा तरीके को कतई सही नहीं ठहराया जा सकता।
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