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30 साल बाद सेना को मिलीं हॉवित्जर तोपें, युद्ध हुआ तो चीन-पाक के छक्के छुड़ा देगी- जानें खासियत

Arun Mishra
18 May 2017 12:20 PM GMT
30 साल बाद सेना को मिलीं हॉवित्जर तोपें, युद्ध हुआ तो चीन-पाक के छक्के छुड़ा देगी- जानें खासियत
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भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ने वाली है। सेना के पास आ गई हैं सबसे आधुनिक तोप '145 M-777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्‍जर'।
अब भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ने वाली है। सेना के पास आ गई हैं सबसे आधुनिक तोप '145 M-777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्‍जर'। M-777 की खासियत है कि इसे देश की किसी भी सीमा पर कुछ ही घंटों में तैनात किया जा सकता है। इस तोप के आने से ना सिर्फ सेना का 30 साल पुराना इंतजार खत्म हो जाएगा, साथ ही आर्टलरी यानी तोपखानों के आधुनिकीकरण की दिशा में नई पहल शुरू हो जाएगी। तोपखानों के आधुनिकीकरण के लिए 22 हजार करोड़ का बजट तय किया गया है जिसमें पांच नई तोप सेना में शामिल की जाएंगी। गौरतलब है कि 1986 में बोफोर्स के बाद आजतक कोई नहीं तोप नहीं खरीदी गई थी। बाद में 1980-90 में बोफोर्स स्कैंडल के खुलासे के बाद तो तोपखानों के आधुनिकीकरण पर रोक सी ही लग गई थी।

30 साल बाद हुआ बड़ा रक्षा सौदा- बोफोर्स सौदे के बाद पहली बार सेना के इस्तेमाल के लिए दो नई तोपें भारत आई है। 2 अल्ट्रा लाइट 145 M-777 हॉवित्जर तोपें अमेरिका से ट्रायल के लिए भारत आ गई हैं और आज ही इन तोपों का राजस्थान के पोखरण रेंज में परीक्षण किया जाएगा। पाकिस्तान से लगी सीमा पर रक्षा तैयारियों के लिहाज से सेना के लिए यह अहम घटनाक्रम है। हालांकि, शुरुआत में इन तोपों को चीन की सीमा पर तैनात करने की भी योजना है।

25 तोप यूएस से आएंगी, 120 भारत में ही बनेंगी- पिछले साल 30 नवंबर को भारत और अमेरिका के बीच एक रक्षा डील में इन तोपों का सौदा हुआ था। 700 मिलियन डॉलर यानी 4500 करोड़ की इस डील के तहत अमेरिका भारत को 145 तोपें देगा। दो तोप आ चुकी हैं तीन तोप सितंबर में आ जाएंगी। डील के तहत अमेरिका भारत को 2021 तक 25 तोप दे देगा बाकि 120 तोपों को बीएई सिस्टम महिंद्रा के साथ मिलकर भारत में ही बनाएगा। गौरतलब है कि बीएई सिस्टम ने 145 एम777 होवित्जर की आपूर्ति के लिए अपने भागीदार के तौर पर महिंद्रा का चुनाव किया है।

145 M-777 की खासियत-
- M-777 तोप 24 किमी से लेकर 40 किमी तक मार करने की क्षमता रखती है।
- तोप का कुल वजन 4200 किलो है इसे बनाने में टाइटेनियम का इस्तेमाल हुआ है।
- बोफोर्स का वजन 13 हजार किलों से ज्यादा था उसे गाड़ी से ही टोह किया जा सकता था।
- M-777 का वजन कम होने के कारण इन तोपों को हैलीकॉप्टर से ही ले जाया जा सकता है।
- ऊंचाई वाले स्थानों जैसे चीन से सटे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तैनात किया जा सकता है।
- इन तोपों की मारक क्षमता उसमें इस्तेमाल होने वाले बारूद पर निर्भर होगी।
- इसे ऑपरेट करने के लिए केवल चार—पांच सैनिकों की ही आवश्यकता होगी।
- आधुनिक तकनीक से लैस डिजिटल फायर कंट्रोल वाली यह तोप एक मिनट में 5 राउंड फायर करती है।
- यूएस आर्मी और यूएस मरीन कॉर्प्‍स ने एम777 को वर्ष 2005 में शामिल किया था।
- आज ऑस्‍ट्रेलिया, कनाडा और सऊदी अरब की सेनाएं इनका प्रयोग कर रही हैं।
- इन तोपों को अफगानिस्‍तान की लड़ाई में पहली बार अपनी ताकत परखी थी और दुश्‍मन को धूल चटाई थी।

तोपों को चीन सीमा पर किया जाएगा तैनात- इन तोपों को 17 माउंटेन कॉर्प्स में तैनात कर सकता है। भारत की मंशा इन तोपों को चीन से सटे 4,057 किमी स्थित एलएसी यानी लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर तैनात करने की है। इन अमेरिकी तोपों को 17 माउंटेन स्‍ट्राइक कॉर्प्‍स के लिए लिया जा रहा है। 90,274 ट्रूप्‍स वाली इस कॉर्प्‍स पर 64,678 करोड़ की लागत आएगी और वर्ष 2021 में यह अस्तित्‍व में आ जाएगी।

सैन्य ताकत में हम पाकिस्तान से काफी आगे
दोनों देशों के सैन्य बल की बात करें तो भारत के पास करीब 13 लाख एक्टिव सैनिक हैं तो वहीं 21 लाख रिजर्व सैनिक बल है। पाकिस्तान की सेना में 6 लाख एक्टिव सैनिक और 5 लाख रिजर्व सैनिक बल है। भारत की पैरामिलिट्री और रिजर्व सेना को जोड़ने के बाद ये संख्या 47 लाख 68 हजार के पार पहुंच जाएगी। जबकि पाकिस्तान में पैरामिलिट्री शामिल करने के बाद ये आंकड़ा सिर्फ 14 लाख ही है।

War हुई तो टिक नहीं पाएगा पाकिस्तान- ग्लोबल फॉयर पॉवर रैंक की रिपोर्ट के अनुसार भारत रक्षा बजट के मामले में पाकिस्तान से कहीं ज्यादा खर्च करता है। 2016 में भारत का रक्षा बजट 40 अरब डॉलर है, जबकि पाकिस्तान का रक्षा बजट 7 अरब डॉलर है। रिपोर्ट के अनुसार भारत 126 देशों में चौथे नंबर पर है। जबकि पाकिस्तान 13 वें नंबर पर है। भारत की बढ़ती मिलिट्री पॉवर की वजह से पाकिस्‍तान के पूर्व रक्षा मंत्री ने चौधरी अहमद मुख्‍तार भी कह चुके है कि भारत और पाकिस्तान में अगर युद्ध होता है तो पाकिस्तान केवल 20 दिनों तक ही टिक पाएगा।

- भारत और पाकिस्तान के सैन्य ताकत की तुलना करें तो भारत पाक से कहीं आगे है।
- भारतीय सेना की संख्या करीब 13 लाख है जबकि पाकिस्तान की आधी यानी साढ़े छह लाख।
- भारत के पास 6 हजार टैंक, तो पाक के पास सिर्फ 3 हजार टैंक
- भारत के पास 7000 तोपें, तो पाक के पास सिर्फ 3200 तोपें।
- भारतीय सेना में 13 कोर हैं जिनमें से दो स्ट्राइक कोर हैं।
- ये स्ट्राईक कोर ही युद्ध के वक्त दुश्मन से लडऩे के लिए सरहदों पर पहुंच जाएंगी।
- भारतीय वायुसेना विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है
- जहां भारत के पास 1.5 लाख संख्या बल हैं वहीं पाक के पास सिर्फ 65 हजार।
- इंडियन एयरफोर्स के पास 2086 फाइटर प्लेन हैं, वहीं पाक के पास सिर्फ 923 हैं।
- भारत के पास 600 जंगी हेलिकॉप्टर और पाक के पास 350 जंगी हेलिकॉप्टर
- फ्रांस के साथ अति आधुनिक 36 रॉफेल विमानो का सौदा भी भारत की बड़ी कामयाबी है।
- इसके अलावा भारतीय वायुसेना के बेड़े में मिराज, जगुआर, मिग-29 और मिग-27 जैसे फाइटर प्लेन भी हैं।
- दुनिया का सबसे बड़ा मिलिट्री विमान C17 ग्लोबमास्टर भी एयरफोर्स के पास है।
- समुद्र में भारत की ताकत पाकिस्तान से कही ज्यादा है।
- भारत के पास करीब 200 युद्धपोत हैं पाक ने 70 युद्दपोत समंदर में उतारे हैं
- भारत के पास एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य है पाकिस्तान के पास नहीं।
- भारतीय नौसेना के पास 16 पनडुब्बी है,6 तैयार होने वाली हैं तो पाक के पास 8 पनड़ुब्बी।
- भारत के पास आईएनएस चक्र जैसे परमाणु पनडुब्बी है लेकिन पाकिस्तान के पास नहीं।
- भारतीय नौसेना के पास है करीब 200 डस्ट्रोयर और फिगेट्स जैसे युद्धपोत हैं।

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