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यूपी के तीन लाल शहीद, सलाम है इन शेरों को

Special Coverage News
26 Jun 2016 10:39 AM GMT
यूपी के तीन लाल शहीद, सलाम है इन शेरों को
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लखनऊ
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में कल आतंकी हमले में उत्तर प्रदेश के तीन जवान शहीद हो गये। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के इन जवानों पर आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया था।जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पंपोर बॉर्डर पर घात लगाकर बैठे आतंकियों के हमले में सीआरपीएफ के आठ जवान शहीद हो गये। इनमें से तीन जवान उत्तर प्रदेश के हैं।

शहीद जवानों में फिरोजाबाद के वीर सिंह, मेरठ के सतीश चंद मावी और इलाहाबाद के राजेश कुमार देश की रक्षा में लगे थे। अब इनके पैतृक आवासों पर सन्नाटा पसरा है। वीर सिंह फिरोजाबाद के शिकोहाबाद क्षेत्र के गांव नगला केवल का रहने वाले हैं। शहीद जवान सतीश चंद मावी मेरठ के किला परीक्षितगढ़ क्षेत्र के गांव बली का रहने वाले था। जवान राजेश कुमार इलाहबाद जिले के मेजा के निबी के रहने वाले थे।


मेरठ के सतीश के परिवार वालों को रात में कमांडेंट ने इस हादसे की सूचना दी। जिसके बाद से उनके परिवार के साथ ही आसपास के लोग अवाक रह गये। गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। मेरठ के परीक्षितगढ़ के गांव बली निवासी सतपाल सिंह मावी के 34 वर्षीय पुत्र सतीश चंद मावी करीब 12 वर्ष पूर्व सीआरपीएफ में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे। सतीश चंद मावी की तैनाती जम्मू-कश्मीर में थी। कल सीआरपीएफ के बस पर आतंकियों ने घात लगाकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर हमला किया, जिसमें अन्य आठ जवानों के साथ सतीश चंद मावी भी शहीद हो गये।



परिवार के लोगो ने बताया कि रात डिप्टी कमांडेंट ने फोन कर हादसे की जानकारी दी। वहीं टीवी में खबरों को देखकर परिवार के बाकी लोगों को भी इस हादसे का पता चला। जिसके बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया। सतीश मावी की पत्नी सावित्री और दो बेटियां हैं। शहीद सतीश मावी के घर पर लोगो का तांता लगा हुआ है और वो परिवार को सांत्वना देने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं परिवार के लोगों में गम के साथ गुस्सा भी है। उनका कहना है कश्मीर की सरकार आतंक को संरक्षण दे रही है। सरकार के इशारे पर वारदातें हो रही हैं। केंद्र की सरकार को भी इस और ध्यान देने की जरूरत है।




फीरोजाबाद के शिकोहाबाद के गांव नगला केवल के वीर सिंह (45) पुत्र रामसनेही लाल राजपूत सीआरपीएफ 161 बटालियन लेथपुरा ट्रेनिंग सेंटर में तैनात थे। कल रात रात करीब आठ बजे कंपनी कमांडर के परिवार के लोगों को इनके शहीद होने की सूचना दी तो नगला केवल में मातमी माहौल छा गया। परिवार सदमे में आ गया। पिता तो बेटे का फोटो देख बिलख रहे थे।
गांव और पास गांव के सैकड़ों लोगों की भीड़ आज सुबह शहीद के घर आ गई। रिश्तेदार व शुभचिंतकों का भी जमावड़ा लग गया है। हर कोई शहीद का शव आने का इंतजार कर रहा है। बताते हैं देर शाम शव आने की उम्मीद है। पिता रामसनेहीलाल ने बताया दो बेटों में वीर सिंह छोटा था। बड़ा बेटा रंजीत सिंह मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करता है। रामसनेही लाल का परिवार भूमिहीन है, ऐसे में उनके पास एकमात्र सहारा मेहनत मजदूरी ही है। पिता ने बताया अप्रैल में वीर सिंह 40 दिन की छुट्टियों पर घर आया।


इस अंतराल पूरे परिवार में खुशियों का माहौल था। 22 मई को वीर सिंह तैनाती स्थल पर लौट गया। बेटी रजनी ने बताया पापा का कल ही दोपहर फोन आया। उन्होंने मां प्रीता देवी से बात कराने को कहा, लेकिन वह घर के बाहर थी। इसके बाद शाम को फोन करने के लिए कहा था। शाम को फोन आया, जिसे मम्मी ने उठाया। फोन पर मौत की खबर आई, जिससे परिवार की खुशियां गम में बदल गईं।


आतंकी हमले में जौनपुर के केराकत के ग्राम भौरा निवासी सीआरपी दारोगा संजय सिंह पुत्र श्याम नारायण सिंह के आतंकवादी हमले में शहीद होने की सूचना मिलते ही घर में तो कोहराम मच गया। पूरे गांव में गम का माहौल है। संजय माता-पिता की चार संतानों मे सबसे बड़े थे। शहीद के दो छोटे भाइयों राजीव सिंह व सुधीर कुमार सिह बीएसएफ में हैं। पिता श्याम नारायण भी सीआरपीएफ से सेवानिवृत्त जवान हैं। पत्नी नीतू सिंह व दो बच्चे नेहा 18 वर्ष एवं शिवम 10 वर्ष तथा माता बीना का रो-रो कर बुरा हाल है। घर पर माता पिता मौजूद हैं, जबकि अन्य लोग रवाना हो गये। मातमपूर्सी करने वालों का तांता लगा हुआ है।
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