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शिक्षा
स्मृति ईरानी के ख़िलाफ़ दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स संघ का प्रदर्शन
Special Coverage news
2 July 2016 12:15 PM IST
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नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों में दाखिला प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, मगर कई कॉलेजों में शिक्षक संगठन (डूटा) के सदस्य मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे नजर आए। डूटा के अधिकारियों की हड़ताल का मुख्य कारण यूनियन ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) की ओर से किए गए एकेडमिक परफोरमेंस इंडेक्स (एपीआइ) 2010 के नियमों में बदलाव का होना है।
स्मृति ईरानी शुक्रवार को गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में गुरु अंगद देव टीचर एंड लर्निग सेंटर का उद्घाटन करने पहुंची थीं। उनके स्वागत के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश त्यागी के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन का पूरा अमला वहां मौजूद था।
शिक्षकों को जैसे ही पता चला कि खालसा कॉलेज में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी आने वाली हैं, और उनकी अगुआई में कुलपति पहुंचने वाले हैं, काफी कम समय में सैकड़ों की तादात में वे कॉलेज के बाहर जुटे और प्रदर्शन किया।
आनन-फानन में पुलिस बल बुलाया गया और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर थाने ले जाया गया, जहां से दोपहर बाद उन्हें जाने दिया गया। शिक्षक नेताओं के मुताबिक, ऐसा पहली बार हुआ जब इतने कम समय में इतने बड़े पैमाने पर शिक्षक एक जगह जुटे और प्रदर्शन किया।
यह अलग बात है कि बैनर, पोस्टर व विरोध की तख्तियां पहले वाले प्रदर्शनों के थे। बहरहाल, शिक्षक 'खालसा-जमावड़ा' के बाद भी अपने पहले की रणनीति पर कायम हैं। पहली कटआॅफ के तहत तीन दिन तक टलने वाली दाखिला प्रक्रिया का बहिष्कार जारी है।
इसका खमियाजा दाखिला प्रक्रिया पर पड़ रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने दूसरे दिन भी गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को दाखिले की खिड़की पर बैठा कर काम लिया।
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