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स्वाती सिंह की चिंघाड़ से डरी मायावती, आन्दोलन स्थगित

Special Coverage News
24 July 2016 3:58 AM GMT
स्वाती सिंह की चिंघाड़ से डरी मायावती, आन्दोलन स्थगित
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लखनऊ
बीजेपी के पूर्व उपाध्यक्ष दयाशंकर के मामले में एक नया मोड़ आ गया है, अब आक्रामक से बचाव की मुद्रा में आने को मजबूर हुई बसपा ने नए सिरे से अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसके लिए बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती शनिवार शाम अचानक दिल्ली से लखनऊ लौट आईं।

मायावती ने 25 जुलाई को मंडल स्तरीय धरना-प्रदर्शन को स्थगित करते हुए रविवार को बसपा के मुख्य जोनल कोऑर्डिनेटरों की बैठक बुलाई है। इसमें वे नई रणनीति का एलान कर सकती हैं।

बसपा अब बचने के फ़िराक में
आपको बताते चलें, मायावती के खिलाफ दयाशंकर सिंह की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद लोगों की सहानुभूति बसपा के पक्ष में दिखने लगी थी, मगर गुरुवार को बसपा के धरना-प्रदर्शन में अमर्यादित पोस्टर लहराने और आपत्तिजनक नारेबाजी के बाद माहौल बदलता नजर आया। इस मामले में बसपा सुप्रीमों मायावती और राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी सहित कई वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई बल्कि बसपा के साथ सहानुभूति जताने वाले तमाम लोगों की सहानुभूति दयाशंकर के परिवार के पक्ष में देखी जाने लगी। बीजेपी भी रक्षात्मक से आक्रामक मुद्रा में आ गई।

'बेटी के सम्मान में-भाजपा मैदान में' का नारा
बीजेपी 'बेटी के सम्मान में-भाजपा मैदान में' का नारा देकर सभी जिलों में धरने पर उतर आई। तेजी से बदले इस घटनाक्रम के बीच बसपा महासचिव सिद्दीकी ने शुक्रवार को 25 जुलाई के मंडल स्तरीय धरना-प्रदर्शन के कार्यक्रम को जारी रखने का एलान किया था, मगर शनिवार को अचानक मायावती लखनऊ लौट आईं।

बसपा पहली बार बैकफुट पर नजर आई
हाल के वर्षों में ऐसा शायद ही कभी हुआ होगा कि मायावती संसद के सत्र के बीच में कभी इस तरह दिल्ली से लखनऊ लौटी हों। इसलिए अंदाजा लगाना कठिन नहीं है कि बदले घटनाक्रम में बसपा अपनी रणनीति बदलने को मजबूर हो गई है।
बसपा के एक जिम्मेदार पदाधिकारी ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने दयाशंकर की गिरफ्तारी के लिए दो-तीन दिन का और मौका मांगा था। इसके मद्देनजर 25 जुलाई का धरना-प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया है। दूसरा, मायावती लखनऊ आने के बाद से ही पार्टी के जिम्मेदार नेताओं के साथ तेजी से बदले सियासी घटनाक्रम पर देर रात तक चर्चा की। रविवार दोपहर बाद बसपा प्रदेश मुख्यालय पर सूबे के सभी मुख्य जोनल कोऑर्डिनेटरों की बैठक बुलाई गई है। इसमें वे आंदोलन की नई रणनीति का एलान कर सकती हैं।
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