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मत बसाओ यहाँ मुसलमानों को "यहां के शांतिप्रिय माहौल को चोट पहुंचेगी" क्‍योंकि "वे रोजाना गाली-गलौज और मारपीट करते हैं"

Special Coverage News
2 Jun 2016 8:26 AM GMT
मत बसाओ यहाँ मुसलमानों को  यहां के शांतिप्रिय माहौल को चोट पहुंचेगी क्‍योंकि वे रोजाना गाली-गलौज और मारपीट करते हैं
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वडोदरा

वडोदरा के नजदीक स्थित कपुराई के निवासियों ने नगर निगम को पत्र लिखकर 300 विस्‍थापितों (जिनमें अधिकतर मुस्लिम हैं) को यहां बसाने के फैसले का विरोध किया है। सुलेमान चाल में इन परिवारों के घर गिराए जाने के बाद सभ्‍ाी को कपुराई में बसाने का फैसला किया गया था। पत्र में लिखा है कि मुसलमानों के कॉलोनी में रहने से "यहां के शांतिप्रिय माहौल को चोट पहुंचेगी" क्‍योंकि "वे रोजाना गाली-गलौज और मारपीट करते हैं।"


कपुराई हनुमान टेकरी से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं, जहां एक मुस्लिम परिवार द्वारा चलाई जा रही बेस्‍ट बेकरी को 2002 के गुजरात दंगों के दौरान आग के हवाले कर दिया गया था, इस घटना में 14 लोगों की मौत हो गई थी। वडोदरा नगर निगम की 'स्‍लम मुक्‍त वडोदरा' मुहिम के तहत मंगलवार को सुलेमान चाल के 318 घरों को ढहा दिया गया था। सोमवार को नगर निगम ने 218 परिवारों के लिए घर चुनने हेतु ड्रॉ निकाला, जिन्‍हें शहरी गरीबों के लिए मूलभूत सुविधाएं हाउजिंग योजना के तहत विस्‍थापित किया जाएगा। बाकी परिवारों के कागजातों की जांच की जा रही है।


अपने घर ढहाए जाने से नाराज कुछ निवासियों ने मंगलवार को एक पुलिस चौकी, एक सिटी बस और 10 दो-‍पहिया वाहनों को आग लगा दी। हंगामा करीब दो घंटे तक चला जब तक पुलिस ने बलप्रयोग कर लोगों को वहां से नहीं खदेड़ा। बुधवार को कपुराई के निवासियों ने वडोदरा नगर निगम के स्‍टैंडिंग कमेटी चेयरपर्सन डॉ जिगेशा सेठ से मुलाकात कर उन्‍हें विस्‍थापन के खिलाफ एक मेमारेंडम सौंपा। "दाभाई रोड और सोमा तलाव के निवासियों" के हस्‍ताक्षर वाले मेमोरेंडम में लिखा है कि, "पूर्व में हुए बेस्‍ट बेकरी कांड के बारे में पूरी दुनिया जानती हैं। इससे दाभाई रोड के निवासियों को बहुत तकलीफ पहुंची है, उनमें से कुछ तो अभी भी उस हादसे का दंश झेल रहे हैं।" मेमोरेंडम के अनुसार, "सुलेमान चाल के मुस्लिम परिवारों को यहां घर एलॉट करने से यहां का शांतिप्रिय माहौल भंग हो जाएगा।" इसमें लिखा है कि यह एक "माना हुआ तथ्‍य" है कि "इन लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में गाली-गलौज और मारपीट आम बात है, वह अपना असामाजिक माइंड सेट नहीं बदलते।" मेमो में यह भी लिखा है कि परिवारों को विस्‍थापित करने से "दंगे, मारपीट, आपराधिक घटनाएं होने लगेंगी जिससे क्षेत्र का सामाजिक ताना-बाना बिगड़ जाएगा।"

जनसत्ता

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