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एहसान जाफरी के गोली चलाने से भड़की हिंसा, सजा के खिलाफ HC जाएगी SIT
Special Coverage news
18 Jun 2016 5:45 AM GMT
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गुजरात: गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार में षडयंत्र के किसी भी पहलू से इनकार करते हुए विशेष अदालत ने कहा कि कांग्रेस के सांसद एहसान जाफरी द्वारा चलायी गयी गोलियों ने भीड़ को उकसाया और वह गुस्सा हो गयी, जिसके कारण उन्होंने इस तरह हत्याएं कीं, लेकिन गोलीबारी के कारण भीड़ की इस करतूत को माफ नहीं किया जा सकता है।
विशेष एसआईटी अदालत के न्यायाधीश पीबी देसाई ने अपने आदेश में कहा, श्री एहसान जाफरी की निजी गोलीबारी ने उत्प्रेरक का काम किया और उसने भीड़ को इस कदर उकसा दिया कि उपलब्ध सीमित पुलिस बल के पास ऐसी भीड़ को रोकने का कोई उपाय नहीं था। गोलीबारी की घटना के बाद वहां बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गयी।
जाफरी की बंदूक से आठ गोलियां चलीं, उनसे एक व्यक्ति की मौत हो गयी और 15 लोग घायल हो गए। अदालत ने कहा, श्री एहसान जाफरी गुलबर्ग सोसायटी में एक अलग जगह से भीड़ पर गोली चलाने के दोषी हैं, जिसके कारण एक व्यक्ति की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गए। मेरे विचार में वह उत्प्रेरक था, जिसने भीड़ को इस कदर उकसा दिया कि वह अनियंत्रित हो गयी और उसके कारण हत्याएं हुईं, बड़ी संख्या में मासूमों की जान गयी।
अदालत ने कहा कि यह अप्राकतिक है कि 28 फरवरी, 2002 को सुबह साढ़े नौ बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई, और डेढ़ बजे के बाद अचानक चीजें बहुत खराब हो गयीं जैसे कोई नल खोल दिया गया हो, जिसके कारण पानी की बाढ़ आ गयी और नरसंहार का कांड हुआ।
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