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Archived
तलाक कुरान के हिसाब से सबसे बड़ा गुनाह, अल्लाह को सबसे ज्यादा नफरत है - इन्द्रेश कुमार
शिव कुमार मिश्र
15 April 2017 2:54 PM IST
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ETV से ली गई तस्वीर
जोधपुर: मुस्लिम महिलाओं को न तो मजहब और न ही जात बिरादरी न्याय दे पाई इसलिए मजबूरन उन्हें सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाना पड़ा. ये बातें मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष इन्द्रेश कुमार ने जोधपुर मे आयोजित मुस्लिम समाज की वर्तमान स्थिति परिचर्चा के दौरान कहीं.
इन्द्रेश कुमार ने कहा कि तलाक कुरान के हिसाब से सबसे बड़ा गुनाह है. अल्लाह को सबसे ज्यादा नापसंद गुनाह है, उसमें से सबसे बड़ा गुनाह तलाक है. वहीं मुस्लिम समाज के कानून की सबसे बड़ी किताब कुरान है, लेकिन कुरान में तीन तलाक की काई व्यवस्था नहीं है. शरिया कानून कुरान से बड़ा नहीं है. अब मुस्लिम महिलाएं अत्याचार नहीं सहेंगी.
तीन तलाक पर जहां सारे देश में बहस छिड़ी हुई तो इस बीच शुक्रवार को जोधपुर में आयोजित भारतीय मुस्लिम की वर्तमान स्थिति कार्यक्रम में तीन तलाक, गौ-हत्या और शरिया कानून पर खुलकर परिचर्चा की गई. मुस्लिम समाज में फैली भ्रांतियों और शरियत के नाम पर मुस्लिम समाज को भड़काने, कुरान के खिलाफ और अल्लाह के फरमानों के विरूद्ध ले जाए जाने और अपने स्वार्थ को साधते शरियत कानून के ठेकेदारों पर जमकर प्रहार किए गए.
वहीं इस कार्यक्रम में रिटायर्ड न्यायाधीश एनएन माथुर ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू, राजेन्द्र प्रसाद या भीमराव अंबेडकर ने संविधान बनाया मैं इस बात से सहमत नहीं हूं. संविधान तीन सालों में नहीं बनता. उसे बनाने में सौ साल लगते हैं. हिन्दुस्तान में भी संविधान बनने की प्रक्रिया राजा राम मोहन राय, विवेकानन्द, दयानन्द सरस्वती के समाज सुधार के साथ ही शुरू हो गई थी. संविधान समाज की परिस्थितियों से बनता हैं.
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