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तीन तलाक के फैसले पर आजम खां बोले, 'हम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं'
Arun Mishra
22 Aug 2017 7:03 PM IST
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आजम खां ने कहा कि भारत में वाकई लोकतंत्र का कुछ भी हिस्सा बाकी है तो धार्मिक आस्थाओं से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए..
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के तीन तलाक के फैसले पर समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री एवं सपा नेता मोहम्मद आजम खां ने कहा कि वह न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं और सम्मान होना भी चाहिए। हालांकि, कोर्ट से बाहर भी एक अदालत है, जनता की अदालत है। वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जौहर विश्वविद्यालय में मीडिया से रूबरू थे।
आजम खां ने कहा कि भारत में वाकई लोकतंत्र का कुछ भी हिस्सा बाकी है तो धार्मिक आस्थाओं से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। ये बड़ा ही मुश्किल होगा कि किस की आस्था पर कब कुठाराघात हो जाए। अगर, पार्लियामेंट इस सिलसिले में कोई कानून बनाता है तो वह कानून वही होगा जो इस्लामिक स्कालर्स की राय होगी और उनका फैसला होगा।
इस्लामिक स्कालर्स या किसी भी धर्म के पेशवर राजनीति से प्रेरित नहीं होते, वे किसी राजनैतिक पार्टी के वफादार नहीं होते, किसी राजनैतिक व्यक्ति या विचारधारा के वफादार नहीं होते। उनकी वफादारियां धार्मिक और मजहबी विचारधारा के साथ होती हैं। हम उम्मीद करते हैं कि पार्लियामेंट जो भी कानून बनाएगी, वह मुसलमानों के धर्म या आस्था और उलेमाओ के दिए हुए, स्कालर्स के दिए हुए मश्वरे पर कानून बनाएगी।
गौरतलब है कि तीन तलाक के मुद्दे पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ तीन तलाक को खत्म कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि केंद्र सरकार 6 महीने के अंदर संसद में इसको लेकर कानून बनाए।
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायधीश जे.एस. खेहर के नेतृत्व में 5 जजों की पीठ ने अपना फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान जस्टिस आरएफ नरिमन, जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस यूयू ललित तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित करने के पक्ष में थे। वहीं चीफ जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस अब्दुल नजीर इसके पक्ष में थे। आज के बाद अगर कोई मुस्लिम पुरूष अपनी पत्नी को तीन तलाक देगा तो उसे अवैध माना जाएगा।
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