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बीजेपी विधायक ने की महिला से घटिया बात, नहीं सोच सकते आप!
शिव कुमार मिश्र
30 May 2017 1:02 PM IST
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योगी के विधायक बने गले की फांस
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए उन्हीं के विधायक गले की फांस बनते जा रहे हैं। महिला आईपीएस से कथित तौर पर अभद्रता करने वाले गोरखपुर के विधायक ने एक बार अपनी हदें पार की हैं। जनसभा में इस बार उन्होंने एक महिला का यह पूछते हुए खिल्ली उड़ाई कि उसके कितने बच्चे हैं। बाद में उन्होंने अपने इस विवादित बयान पर सफाई दी है और कहा है कि हर चीज गंभीरता से नहीं ली जानी चाहिए।
मामला भाजपा के तीन साल पूरे होने के मौके पर संत कबीर नगर में जिले के मगहर में एक जनसभा का है। भाजपा विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल वहां लोगों को संबोधित कर रहे थे। तभी वहां एक महिला उनके पास एक महिला आई। वह उनसे रहने के लिए घर की समस्या लेकर आई थी। इसी पर उन्होंने पूछा कि उसके कितने बच्चे हैं। जब महिला ने जवाब में दो बच्चे होने की बात बताई, तो उन्होंने दोबारा सवाल किया कि क्या वे साथ पैदा हुए थे? महिला ने कहा नहीं। विधायक यही नहीं थमे। उन्होंने पूछा कि बच्चे अगर साथ पैदा नहीं हुए तो फिर वह महिला वह एक बार में सारी मांगें पूरी होने की उम्मीद कैसे रख सकती है।
#WATCH: IPS Charu Nigam broke down as BJP Gorakhpur (Urban) MLA Radha Mohan Das Agarwal kept yelling at her 'don't cross limits' (May 7) pic.twitter.com/Ukmw0f3H59
— ANI UP (@ANINewsUP) May 8, 2017
यह पहला मौका नहीं है जब भाजपा विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल अपनी विवादित हरकत के चलते चर्चा में आए हैं। इससे पहले भी वह आईपीएस चारू निगम के साथ अभद्रता कर चुके हैं। करीमनगर इलाके में शराब की दुकान हटाए जाने के लिए लोग प्रदर्शन कर थे। पुलिस विरोध करने वालों को वहां से हटा रही थी। तभी वहां विधायक राधा मोहन अग्रवाल पहुंचे। लोगों ने उनसे शिकायत की कि सर्किल आफिसर चारू निगम ने जबरदन शराब की दुकान का विरोध करने वालो को वहां से हटवाया। इस दौरान विधायक ने उनसे अभद्रता की थी। विधायक के व्यवहार से आहत होकर आईपीएस ने फेसबुक पर एक पोस्ट भी किया था, जिस पर सैकड़ों लोगों का उन्हें समर्थन मिला था।
अग्रवाल ने बाद में इस संबंध मंगलवार को सफाई भी दी। उन्होंने इसमें कहा कि अगर मैं पांच बच्चे होंगे, तो वे एक-एक कर के जन्म लेंगे। न कि एक बार में। कुछ चीज़ें हल्के में लेने के लिए होती हैं। अगर हर चीज़ गंभीरता से ली जाने लगे तो कोई भी सुकून से नहीं जी सकेगा।
शिव कुमार मिश्र
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