बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू विभाग के प्रमुख के पद से डॉक्टर कफील खान को हटा दिया गया है. डॉक्टर महेश शर्मा नए प्रमुख होंगे. आखिर डॉ कफील ही सबसे बड़े दोषी नजर आ ही रहे थे.
इतनी बड़ी घटना को लेकर सबसे पहले प्रिंसिपल को सस्पेंड किया गया तो दूसरी गाज डॉ कफील पर गिरी. इस गाज की उम्मीद हर किसी को काफी समय पहले लग चुकी थी जब मिडिया ने डॉ कफील को लेकर कसीदे पढने शुरू किये. अब एनआईसीयू विभाग के प्रमुख पद से उनको हटाकर डॉ महेश शर्मा को उनकी जगह सौंप दी गई है.
क्या किया डॉ कफील ने अस्पताल में
गोरखपुर के इस सरकारी अस्पताल में पिछले दिनों तीन दिन के भीतर 65 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी. कई अखबारों में छपी खबर के मुताबिक, डॉ कफील ने अपनी तरफ से ऑक्सीजन के सिलेंडरों का जुगाड़ कर कई बच्चों की जान बचाई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'डॉ कफील अपने जानपहचान के डॉक्टरों के पास पहुंचे और ऑक्सीजन के तीन सिलेंडर अपनी गाड़ी में लेकर शुक्रवार की रात तीन बजे सीधे बीआरडी अस्पताल पहुंचे. इन तीन सिलिंडरों से बालरोग विभाग में सिर्फ 15 मिनट ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सकी. रातभर किसी तरह से काम चल पाया, लेकिन सुबह सात बजे ऑक्सीजन खत्म होते ही एक बार फिर स्थिति गंभीर हो गई. वे अपनी पूरी क्षमता से स्थिति को संभालने में लगे रहे. उन्होंने शहर के गैस सप्लायर से फोन पर बात की. बड़े अधिकारियों को भी फोन लगाया लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. डॉ. कफील अहमद एक बार फिर अपने डॉक्टर मित्रों के पास मदद के लिए पहुंचे और करीब एक दर्जन ऑक्सीजन सिलेंडर का जुगाड़ किया. कफील अहमद ने अपने कर्मचारी को अपना एटीएम कार्ड दिया और पैसे निकालकर ऑक्सीजन सिलेंडर लाने को भी कहा.पूरे वक्त डॉ मरीजों के पास इधर से उधर दौड़ते रहे. वहां मौजूद लोगों ने डॉक्टर के कोशिसों की काफी प्रशंसा की."
देश में इस समय एक सबसे बढिया बात है कि अगर किसी मुद्दे को घुमाना चाहते हो तो सबसे पहले उसे धार्मिक या हिन्दू बनाम मुस्लिम बदल दो लोग अपने आप सरकार जिंदाबाद जिंदाबाद के नारे लगा देंगे. डॉ कफील आपने इतनी सुर्खियाँ क्यों ली जो आपको अपने पद से हाथ धोना पड़ा.