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गेहूं खरीद में यूपी सरकार ने बनाया शानदार रिकार्ड - शलभ मणि

गेहूं खरीद में यूपी सरकार ने बनाया शानदार रिकार्ड - शलभ मणि
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अभी 15 जून तक होगी खरीद
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने गेहूं खरीद में रिकार्ड कायम करके ये साबित कर दिया है कि ये सरकार गांव गरीब, नौजवान और किसान के लिए समर्पित सरकार है। पहली अप्रैल से प्रदेश में शुरू हुई गेहूं खरीद ने पिछले तमाम रिकार्ड तोड़ दिए हैं। महज 53 दिनों के भीतर ही प्रदेश सरकार ने 23 लाख 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर ली है। तब जबकि गेहूं खरीद के लिए अभी 15 जून तक का वक्त बचा है।

शलभ त्रिपाठी ने कहा कि यहां ये बताना भी जरूरी है कि पिछली सरकार में, पिछले साल किसान भाइयों से महज सात लाख नब्बे हजार मीट्रिक टन गेहूं की ही खरीद की गई थी। योगी आदित्यनाथ जी की सरकार में इतने बड़े पैमाने पर हुई सरकारी खरीद का सीधा फायदा किसान भाइयों तक पहुंचा है। सरकार की मंशा से जहां बिचैलियों के हौसले पस्त हुए हैं तो वहीं किसान भाइयों को उनकी लागत का सही मुनाफा भी मिला है। प्रदेश सरकार और खरीद के काम में दिन रात मेहनत कर रहे अफसर और कर्मचारी इसके लिए बधाई के पात्र हैं।


प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि किसान भाइयों की समस्याओं को समझते हुए और उनकी आर्थिक हालत सुधारने की मंशा के साथ ही योगी आदित्यनाथ जी ने मुख्यमंत्री बनते ही गेहूं खरीद शुरू कराने के आदेश दिए थे। हर साल की अपेक्षा इस बार गेहूं खरीद का काम पहली अप्रैल से ही शुरू कर दिया गया था। इतना ही नहीं इस बात के भी आदेश दिए गए थे कि क्रय केंदों पर किसान भाइयों को किसी तरह की दिक्कत ना हो और खरीद के काम में बिचैलियो को बिल्कुल दूर रखा जाए।


शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि पहली अप्रैल से अब तक हुई 23 लाख 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद से प्रदेश भर के करीब पांच लाख किसान भाई सीधे लाभान्वित हुए हैं। सरकार उनकी फसल की कीमत का करीब साढे तीन हजार करोड़ रूपए सीधे उनके खाते में भेज चुकी है। सरकार की इस कार्यशैली से उन किसान भाइयों को भी फसल की अच्छी कीमत मिल रही है।
जिनका गेहूं प्राइवेट कंपनियों ने खरीदा है। पिछली सरकार में सरकारी क्रय केंद्रों की बदहाली और बिचैलियो के गठजोड़ के चलते किसान भाइयों की फसल की ना तो सरकारी कीमत मिल पाती थी ना ही खुले बाजार में उनको अच्छी कीमत दी जाती थी। सरकारी क्रय केंद्रो पर गेहूं की खरीद ना होने के चलते किसान भाई अपनी फसल बाजार में औने पौने दामों में बेंचने को मजबूर होते थे। योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने किसान हित में बिचैलियों का ये गठजोड़ तोड़ दिया है। तमाम अन्य क्षेत्रों में भी सरकार इसी मंशा के साथ काम करने में जुटी हुई है और इसके बेहतर नतीजे भी सामने आने लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की कार्यशैली से लोग भी महसूस कर रहे हैं कि प्रदेश में एक सकारात्मक वातावरण तैयार होने लगा है।
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