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देखिये दरोगा ने तान दिया सीधा सीधा रिवाल्वर, यूपी में देखें वीडियो

देखिये दरोगा ने तान दिया सीधा सीधा रिवाल्वर, यूपी में देखें वीडियो
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देखिये यूपी पुलिस का एक और कारनामा
मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की पुलिस किस तरह काम कर रही है इसकी बानगी देखने को मुरादाबाद में मिली है जिसे देखकर सबके रौंगटे खड़े हो जायेंगे,,,शराब के आदी एक दरोगा ने नशा मुक्ति केंद्र के संचालक के ऊपर उसके सेंटर में घुसकर अपना सर्विस रिवाल्वर तान दिया और धमकी देकर वहां से चला गया .

घटना के पीछे कारण बताया जा रहा है कि इस दरोगा को 2015 में नशे से मुक्ति दिलाने के लिए इसकी पत्नी और माँ द्वारा भर्ती कराया गया था. जिसके कागजात केंद्र संचालक के पास मौजूद हैं . फिलहाल दरोगा की गुंडई की पूरी घटना सी सी टी वी कैमरे में कैद हो गयी है. फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस का कोई भी आला अधिकारी अभी कुछ नहीं बोल रहा है.

मुरादाबाद के सिविल लाइन्स इलाके में रहने वाले कमलजीत सिंह जीवन उदय के नाम से नशा मुक्ति केंद्र चलाते हैं जहाँ दूर दूर से कई मरीज अपना इलाज कराने के लिए पहुचते हैं. 6 मई की शाम लगभग साधे 6 बजे सिविल लाइन थाने में तैनात दरोगा जितेन्द्र सिंह अपने साथी कांस्टेबिलों के साथ अचानक जीवन उदय नशा मुक्ति केंद्र पर पहुचते हैं और वहां उत्पात मचाना शुरू कर देते हैं और बिना कुछ कहे मारपीट शुरू कर देते हैं जिसमे एक मरीज रवि भी घायल हो जाता है.



उत्पात मचता देख केंद्र संचालक जब गुंडई पर उतारू दरोगा जितेन्द्र से बात करने की कोशिश करते हैं तो एक बार नहीं बल्कि दो बार उनके ऊपर अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर तान देता है और साथी पुलिस कर्मी उसे रोकते दिखाई देते हैं ये सब सी सी टी वी कैमरे में कैद हो रहा होता है. काफी देर उत्पात मचाने के बाद जितेन्द्र सिंह वहां से चला जाता है !जिसके बाद डरे सहमे केंद्र संचालक ने पुलिस को लिखित शिकायत कर दी है.


कमलजीत का कहना है कि ये दरोगा नशे का आदी है और पहले भी यहाँ पर इसका इलाज कई बार हो चुका है जिसका सबूत भी कमलजीत ने दिखाया कि 2015 में जितेन्द्र की पत्नी और उसकी माँ ने नशे से मुक्ति दिलाने के लिए यहाँ भर्ती किया था इतना ही नहीं इसके आलावा भी दो बार और जितेन्द्र का इलाज कर चूका है, लेकिन उसकी नशे की आदत नहीं छूटती है ! इसी बात से खिन्न होकर यहाँ मुझे जन से मारने आ गया है अगर मुझे सुरक्षा मिलेगी तो केंद्र चलाऊंगा वरना मुझे बंद करना पड़ेगा मेरे भी बच्चे हैं.

सागर रस्तोगी की रिपोर्ट

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