सरकार को पता नहीं, स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रीय पर्व है फिर भी मना रहे है धूमधाम से क्यों?
रामपुुर
स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती राष्ट्रीय पर्व हैं, ऐसी कोई जानकारी भारत सरकार के पास नहीं है। सरकार को यह भी नहीं मालूम कि महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के रूप में सम्मान किसने दिया।
केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय की गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति ने जवाब दिया है कि महात्मा गांधी के प्रति अपार स्नेह के कारण आजादी मिलने से पूर्व ही राष्ट्रपिता कहना शुरू कर दिया गया था। इस तरह गृह मंत्रालय को भेजी गई आरटीआई के जवाब में बेतुके जवाब मिले हैं।
रामपुर के आरटीआई कार्यकर्ता दानिश खां ने 30 जनवरी 2015 को गृह मंत्रालय भारत सरकार के जन सूचना अधिकारी के नाम आरटीआई डाली थी। अहम सवाल स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त), गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) और गांधी जयंती (02 अक्तूबर) के बारे में था। उक्त दिवसों को कब राष्ट्रीय पर्व घोषित किया गया था ? महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि किसने दी, उपाधि के आदेश की छाया प्रति भी मांगी गई। लेकिन इसके बाद उन्हें गृह मंत्रालय ने कोई जानकारी नहीं दी।
गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय पर्व कब घोषित किया गया, इस सवाल का जवाब नहीं दिया। महात्मा गांधी के बारे में संस्कृति मंत्रालय की गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति की ओर से प्रशासनिक अधिकारी का यह जवाब आया कि महात्मा गांधी के बारे में पूछी गई सूचना की वांछित जानकारी उपलब्ध नहीं है। यहां यह बताना उचित होगा कि लोगों द्वारा महात्मा गांधी के प्रति अपार स्नेह के कारण आजादी मिलने से पूर्व ही राष्ट्रपिता कहना शुरू कर दिया था। बाकी सवाल के लिए गृह मंत्रालय ने विधि न्याय मंत्रालय को, मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपने पत्र भेज दिए थे।
आरटीआई में दानिश खान ने यह भी सवाल भेजा था कि हाकी क्या राष्ट्रीय खेल है? यदि है तो कब हाकी को राष्ट्रीय खेल घोषित किया गया। उसके आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। गृह मंत्रालय के पास इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। गृह मंत्रालय के निदेशक एवं केंद्रीय सूचना अधिकारी अनुज शर्मा ने लिखा कि वांछित जानकारी मेरे पास नहीं है।