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क्या मारा गया मथुरा कांड का मास्टरमाइंड?, पुलिस जल्द कर सकती है एलान

Special Coverage news
4 Jun 2016 12:00 PM IST
क्या मारा गया मथुरा कांड का मास्टरमाइंड?, पुलिस जल्द कर सकती है एलान
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उत्तर प्रदेश: मथुरा के जवाहर बाग में हुई हिंसा के मास्टरमाइंड रामवृक्ष यादव के मारे जाने की खबरें आ रही हैं। पुलिस इस बारे में जल्द एलान कर सकती है। जवाहर बाग से कब्जा हटाने आई पुलिस पर हमले के मामले में नए खुलासे हो रहे हैं।

270 एकड़ के इस इलाके पर खुद को सत्याग्रही बताने वाले स्वाधीन भारत सुभाष सेना (SBSS) के एक्टिविस्ट्स ने कब्जा कर रखा था। यादव ने अपने सपोर्टर्स से कहा था कि वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस से अगले 2 महीने में मुलाकात करेगा और उनके मिलते ही भारत का इतिहास बदल जाएगा। तब तक वे जवाहर बाग पर ही रुके रहें।

बता दें कि मथुरा में पुलिस पर उपद्रवियों के हमले में एसपी और एसएचओ समेत 24 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। खुद को 'सत्याग्रही' कहने वाले SBSS के एक मेंबर घायल हैं। इनका एसएन मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। इन सपोर्टर्स के पास खाने के लिए न तो अनाज था, न सब्जियां और न ही दूध।

ये लोग पिछले दो महीने से खिचड़ी-दलिया खाकर किसी तरह दिन गुजार रहे थे। इन लोगों से कहा गया कि जल्द ही नेताजी खुद आंदोलन की बागडोर संभालेंगे। इसके बाद जल्द ही भारत से जंगलराज खत्म हो जाएगा। ज्यादातर मेंबर्स को तो आंदोलन की आइडियोलॉजी के बारे में ही नहीं पता।

87 साल के गोरखपुर के रहने वाले दयाशंकर के मुताबिक, हम जय गुरुदेव को पिछले 30 साल से गेहूं और चावल देते चले आ रहे थे। बाद में रामवृक्ष यादव ने नया गुट बना लिया। यादव ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया था कि वह नेताजी को लोगों के सामने लाएगा। अगर वह ऐसा नहीं कर पाया तो उसे फांसी चढ़ा दें।

जय गुरुदेव के निधन के एक साल के बाद फॉलोअर्स ने उन्हें सुभाष चंद्र बोस बताना शुरू कर दिया। ये भी कहा कि वो जिंदा हैं। पुलिस के मुताबिक, 3 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स ने जनवरी 2014 में सागर से संदेश यात्रा शुरू की। ये फॉलोअर्स लड़ाके ज्यादा लगते थे। इनका मकसद था आजाद हिंद सरकार की स्थापना। ये लोग ये भी चाहते थे कि देश में राष्ट्रपति और पीएम के चुनाव न हों। भारतीय करंसी को खत्म कर दिया जाए।

पुलिस को मिले डॉक्यूमेंट्स बताते हैं कि रामवृक्ष का अपना एक ज्यूडिशियल सिस्टम था। उसका अपना एक कॉन्स्टिट्यूशन, पीनल कोड, जेल और कई हथियारबंद 'सैनिक' थे। मानें तो रामवृक्ष, 260 एकड़ के इस इलाके में अपनी समानांतर सरकार चला रहा था। रामवृक्ष का ये भी प्लान था कि कैम्प में रह रहे लोगों को मार दिया जाए और उसका आरोप पुलिस पर मढ़ दिया जाए।

जितने लोग जवाहर बाग में रामवृक्ष के कैम्प में रह रहे थे, उन सबका रिकॉर्ड मेनटेन किया जा रहा था। इसमें उनका मोबाइल फोन नंबर, फोटो और दूसरी डिटेल थीं। मथुरा जोन के आईजी सी. मिश्रा के मुताबिक, लोगों को बाहर आने-जाने की इजाजत नहीं थी। बाहर जाने और अंदर आने के लिए पास लगता था।

मिश्रा कहते हैं, यह कोई सामान्य धार्मिक उन्माद का मामला नहीं है। हम नक्सली एंगल से भी जांच कर रहे हैं।
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