दिल्ली

निर्भया केस: दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज, तो पवन के पास बचें है दो विकल्प

Sujeet Kumar Gupta
1 Feb 2020 5:20 AM GMT
निर्भया केस: दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज, तो पवन के पास बचें है दो विकल्प
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नई दिल्ली। निर्भया के दोषियों की एक फरवरी को होने वाली फांसी टल गई है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों के डेथ वारंट पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। अदालत ने फांसी की कोई तारीख निश्चित नहीं की है। इस तरह निर्भया के दोषियों की डेथ वारंट जारी होने के बाद दूसरी बार टल गई है। निर्भया के दोषियों की ओर से पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर एक फरवरी को तय फांसी को टालने की अपील की गई थी। वही निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों में से विनय शर्मा की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया है।

तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोर्ट को बताया था कि एक दोषी को छोड़कर बाकी तीन की दया याचिका को राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं। अदालत ने शुक्रवार को कहा कि निर्भया के गुनहगारों को अलग-अगल फांसी नहीं दी जा सकती है। अदालत ने तिहाड़ जेल प्रशासन की उस दलील को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की है जिसमें निर्भया के गुनहगारों को अलग-अगल करके फांसी देने की मांग की गई थी।

पटियाला हाउस कोर्ट स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दोषियों की ओर से फांसी देने के लिए जारी 'डेथ वारंट' पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल अर्जी पर विचार करते हुए यह आदेश दिया है। दोषी विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता की ओर से अधिवक्ता ए.पी. सिंह ने अदालत को बताया कि अभी उनके मुवक्किल के पास कई कानूनी विकल्प मौजूद हैं, ऐसे में फांसी देने के लिए जारी डेथ वारंट पर अनिश्चितकाल तक के लिए रोक लगा दी जाए।

जज ने अपने आदेश में कहा कि...

दोषियों के वकील ने दलील दी कि नियम कहते हैं कि जब एक की अर्जी लंबित हो तो दूसरे को फांसी पर नहीं चढ़ाया जा सकता है. जज ने अपने आदेश में कहा कि यदि कोई एक दोषी अपील करता है या आवेदन देता है तो उस मामले में दूसरे दोषियों की सजा की तामील पर रोक लगायी जाएगी. अदालत ने कहा कि इस आदेश की प्रति यहां मौजूद दोषियों के वकील और जेल अधिकारियों को दी जाए. आदेश में कहा गया है, 'जेल अधीक्षक को कल तक अनुपालन रिपोर्ट फाइल करने का निर्देश दिया जाता है.'

हालांकि तिहाड़ जेल प्रशासन ने दोषियों की इस मांग का विरोध किया। जेल प्रबंधन ने अदालत को बताया कि दोषियों को अलग-अगल फांसी दी जा सकती है। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फांसी देने के लिए जारी डेथ वारंट पर अनिश्चितकाल तक के लिए रोक लगा दी। साथ ही आदेश की प्रति दोषियों के वकील और जेल अधिकारियों को मुहैया करा दिया। अदालत ने जेल प्रशासन को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने और शनिवार को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।

फांसी देने के लिए कब-कब जारी हुआ आदेश

7 जनवरी, 2020: अदालत ने डेथ वारंट जारी कर निर्भया के गुनहगरों मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी देने का आदेश दिया।

17 जनवरी, 2020: अदालत दोबारा से आदेश जारी कर फांसी देने के तारीख में बदलाव कर दिया। अदातल ने दोबारा से डेथ वारंट जारी करते हुए सभी दोषियों को 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी देने का आदेश दिया।

चारों दोषियों की मौजूदा स्थिति

-- दोषी मुकेश सिंह की क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका दोनों खारिज हो चुकी है. अब कोई विकल्प नहीं बचा है.

-- दोषी अक्षय ठाकुर की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज की जा चुकी है. अब उसके पास दया याचिका का विकल्प बचा है.

-- दोषी विनय शर्मा की क्यूरेटिव पिटीशन पहले ही खारिज की जा चुकी है और उसने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी लेकिन वो भी आज यानि 1 फरवरी को खारिज हो गई है।

-- दोषी पवन गुप्ता के पास अभी दोनों विकल्प बचे हैं. वह क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका दोनों डाल सकता है.


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