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नवीन पटनायक ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर मांगी मदद, साथ में किया धन्यवाद
फानी तूफान से हुई बर्बादी के बाद ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने पीएम को चिट्ठी लिखकर पुर्नवास के लिए मदद की मांग की है. साथ ही नवीन पटनायक ने केंद्र से मिली मदद के लिए धन्यवाद भी बोला है.
पटनायक ने अपने पत्र में लिखा, 'प्रिय प्रधानमंत्री जी, सबसे पहले मैं केंद्र सरकार को फानी के बाद ओडिशा सरकार को दी गई मदद के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं. प्रभावित जिलों में बड़ी संख्या में लोग मुश्किलों से गुजरे हैं, उनका आसरा भी छिन गया है. प्रदेश सरकार नुकसान का आकलन कर रही है जो काफी जल्द पूरा होने की संभावना है. तबाह घरों की सटीक संख्या और इससे जुड़ी जानकारी सर्वे पूरा होने के बाद ही मिल पाएगी. हालांकि शुरुआती अनुमान की मानें तो सबसे ज्यादा प्रभावित 14 जिलों में तकरीबन 5 लाख घर या तो पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं या बड़े स्तर पर उन्हें नुकसान पहुंचा है. सबसे ज्यादा क्षति पुरी जिले में हुई है. क्षति का जायजा आपने खुद लिया जब आप छ: मई को एक दौरे पर यहां आए थे. उस दौरान राज्य प्रशासन ने क्षति के बारे में आपको पूरी जानकारी भी दी. बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि ओडिशा के तटीय इलाकों में आपदा झेल सकने वाले घर बनाए जाएं ताकि ऐसे हालात पैदा न हों. इसे देखते हुए ओडिशा में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत 5 लाख घर बनाए जाने की मांग करता हूं.
जैसा कि 6 मई की बैठक में मांग उठाई गई थी, मैं आज फिर दोहरा रहा हूं कि कुछ खास आवंटनों के लिए परमानेंट वेट लिस्ट (पीडब्लूएल) में छूट दी जाए. कुछ खास परिस्थितियों के लिए एक विशेष फंड बनाने पर विचार किया जाए जिसमें केंद्र और राज्य सरकार 90:10 के अनुपात में राशि आवंटित करें.'
पत्र के अंतिम में नवीन पटनायक ने केंद्र सरकार को जानकारी देते हुए लिखा, 'बारिश का मौसम जल्द आने वाला है और 10 जून तक मॉनसून भी ओडिशा में दस्तक दे सकता है. इसलिए प्रभावित लोगों को पक्का मकान मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार के प्रस्तावों के मद्देनजर ओडिशा सरकार 1 जून 2019 से कार्य आदेश पारित करने जा रही है.'
एक हफ्ते पहले नवीन पटनायक ने प्रदेश में तबाही देखते हुए केंद्र से 17 हजार करोड़ रुपए की सहायता मांगी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फानी पर आयोजित एक समीक्षा बैठक में पटनायक ने आपदा से प्रभावित बिजली के ढांचे को बहाल करने के लिए 10,000 करोड़, पांच लाख कच्चे घरों को पक्का घरों में बदलने के लिए और आपदा दूरसंचार नेटवर्क के लिए 7,000 करोड़ रुपए की मांग की थी.