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जगन्नाथ पुरी के अनसुलझे तथ्य: जहां विज्ञान भी सोच में पड़ जाता है।
जगन्नाथ पुरी भारतीय राज्य ओडिशा के एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और भारतीय संस्कृति के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में मान्यता प्राप्त है। यहां के जगन्नाथ मंदिर को भारतीय धर्म के चार धामों में से एक माना जाता है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ आती है।
हालांकि, जगन्नाथ पुरी के पीछे छुपे कुछ अनसुलझे तथ्य हैं जिन्हें जानना रोचक हो सकता है। इन तथ्यों ने विज्ञान के माध्यम से भी हमारी सोच को चुनौती दी है।
1. सूर्यग्रहण के दौरान खुलता है मंदिर का द्वार:
जगन्नाथ मंदिर के द्वार को "सिंहद्वार" के नाम से जाना जाता है और इसे साधारण रूप से सभी समय बंद रखा जाता है। हालांकि, जब कभी सूर्यग्रहण होता है, तो इस द्वार को सभी समय के लिए खोल दिया जाता है।
यह परंपरा बहुत पुरानी है और इसे विज्ञान ने अभी तक अनसुलझा ही रखा है। इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण यह है कि सूर्यग्रहण के समय जगन्नाथ पुरी में ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए अद्भुत तांत्रिक प्रयोग होता है।
2. खाना पकाने के लिए उपयोग होता है अद्भुत मशीन:
जगन्नाथ मंदिर में रोजाना हजारों भक्तों को भोजन कराया जाता है और इसके लिए अद्भुत मशीनों का उपयोग किया जाता है।
इन मशीनों में आदमी का हाथ नहीं जाता है और ये मशीनें भोजन की समय सीधे आकार में रखा जाता है।
ये मशीनें भोजन को पकाने के लिए उच्च तापमान पर जल का उपयोग करती हैं, लेकिन अद्भुत है कि ये मशीनें सिर्फ और सिर्फ भोजन बनाने के लिए ही कार्यरत होती हैं और इसे किसी और उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
3. लकड़ी की मूर्तियों का विशेष संगठन:
जगन्नाथ मंदिर में प्रयुक्त मूर्तियाँ लकड़ी की बनी होती हैं और इनकी बनावट अद्भुत रूप से संगठित होती है।
इन मूर्तियों का निर्माण एक विशेष प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है जिसमें केवल छोटे उपकरण एवं साधन ही उपयोग किए जाते हैं।
4. मंदिर का शिखर स्वयं नहीं टिक पाता:
जगन्नाथ मंदिर का शिखर विचारशीलता के साथ जुड़ा हुआ है। वैज्ञानिक रूप से इसे समझने के लिए, यह ध्यान देने योग्य है कि यह शिखर कभी अपने आप में स्थिर नहीं रहता है।
हालांकि, इसे कई बार पुनर्निर्माण किया गया है, लेकिन वैज्ञानिक नहीं समझ पा रहे हैं कि शिखर को स्थिर करने के लिए किस तकनीक का उपयोग होता है।
5. मंदिर के भीतर प्रकाश नहीं पहुंचता है:
जगन्नाथ मंदिर के भीतर ज्योतिर्मयी चाबी रहती है, जो केवल मंदिर के पुजारी द्वारा ही देखी जा सकती है।
आम भक्तों के लिए यह ज्ञात नहीं होता कि मंदिर के अंदर कैसा प्रकाश होता है। इसे वैज्ञानिक तत्वों से समझने की कोई स्थानिक व्याख्या नहीं है और यह रहस्यमयी ही रहता है।
जगन्नाथ पुरी के इन अनसुलझे तथ्यों ने विज्ञान को चुनौती दी है और हमारी सोच को प्रभावित किया है।