- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
राष्ट्रीय
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ बीजेपी को हाइकोर्ट का बड़ा झटका!
Special News Coverage
4 March 2016 1:54 PM GMT
मुंबई
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ बीजेपी को हाइकोर्ट ने बड़ा झटका दे दिया है। कोर्ट ने बुधवार को बीएमसी को नरीमन पाइंट पर बने भारतीय जनता पार्टी के दफ्तर पर किए गए अवैध निर्माण को गिराने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि अगर बीजेपी छह महीने में अपने कार्यालय के विस्तार के लिए किए गए अवैध निर्माण को गिराने में सफल नहीं होती है तो उसे तोड़ दिया जाए।
अख़बार द हिंदू के अनुसार उक्त आदेश हाइकोर्ट की डिविजन बेंच के जस्टिस अभय ओका और जस्टिस सीवी भडंग ने भाजपा की उस याचिका के बाद दिया जिसमें उसने खुद ही छह महीने के अंदर अपने कार्यालय की सरंचना में बदलाव करने की बात कही थी।
आपको बता दें कि हाइकोर्ट में नरीमन पाइंट चर्चगेट सिटीजन वेलफेयर ट्रस्ट की ओर से दायर एक जनहित याचिका में भाजपा कार्यालय में हुए अवैध निर्माण को तोड़ने की मांग की गई थी। याचिका के अनुसार भाजपा कार्यालय को साल 1989 में 1200 स्कवायर फिट, 1995 में 1482 स्कवायर फिट जगह दी गई थी लेकिन वर्तमान में इसका क्षेत्रफल 9700 फिट तक पहुंच चुका है।
याचिका में तर्क दिया गया था कि नेहरू गार्डन क्षेत्र में स्थित मैदान को मनोरंजक और वाणिज्यक उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था लेकिन भाजपा और जनता दल की ओर से इस खुलेक्षेत्र का उपयोग अपने कार्यालय के विस्तार के लिए कर लिया गया। याचिका पर आदेश देते हुए बेंच ने कहा मुंबई में कुछ ही खुले मैदान बचें हैं बाकी तो कंक्रीट के जंगल खड़े हो चुके हैं, इसलिए यह वक्त की जरूरत है कि खुले मैदान और मनोरंजक स्थलों की रक्षा की जाए। बेंच के अनुसार मुंबई के लोग खुले में और प्रदूषण रहित वातावरण में रहने के संविधान में दिए अनुच्छेद 21 के तहत मिले अपने अधिकार का उपयोग कर रही है।
Special News Coverage
Next Story