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17th Lok Sabha : कौन होगा नया लोकसभा स्पीकर ? पांच जुलाई को होना है बजट पेश
नई दिल्ली। 2019 लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद शपथ ग्रहण हो चुका है। कैबिनेट का भी विस्तार होने के बाद हर कोई अपना मंत्रालय का पदभार संभाल लिया है। लेकिन 17 जून से संसद का सत्र शुरू होने वाला है। और अभी तक लोकसभा स्पीकर का पद रिक्त पड़ा है। अब सबकी निगाहे नए लोकसभा स्पीकर की तलाश कर रही है की कौन होगा नया स्पीकर। अभी तक 4 वरिष्ठ सांसदो के नामों पर चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि 19 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव होगा, उससे पहले 17 और 18 जून को प्रोटेम स्पीकर की ओर से नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी,वहीं पांच जुलाई को बजट पेश किया जाएगा।
आपको बताते है प्रोटेम स्पीकर का कार्य कुछ समय के लिए प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है और इसकी नियुक्ति आमतौर पर तब तक के लिए होती है जब तक लोकसभा या विधानसभा अपना स्थायी विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) नहीं चुन लेती। प्रोटेम स्पीकर नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलवाता है और शपथ ग्रहण का पूरा कार्यक्रम इन्हीं की देखरेख में होता है। सदन में जब तक सांसद शपथ नहीं ले लेते, तब तक उनको सदन का हिस्सा नहीं माना जाता। सबसे पहले सांसद को शपथ दिलाई जाती है। जब सांसदों की शपथ हो जाती है तो उसके बाद यह सभी लोकसभा स्पीकर का चुनाव करते हैं।
सूत्र बता रहे हैं कि पिछली बार की तरह इस बार भी बीजेपी डिप्टी स्पीकर का पद एनडीए के किसी सहयोगी दल को दे सकती है। 16वीं लोकसभा में सुमित्रा महाजन स्पीकर पद पर थी। लेकिन 17वीं लोकसभा में वो स्वास्थ सही नही होने कि वजह से वो चुनाव नही लड़ी। वही एनडीए के घटक दल शिवसेना ने डिप्टी स्पीकर पद की मांग की है। आमतौर पर वरिष्ठतम सांसदों में से ही लोकसभा स्पीकर का चुनाव होता है। मगर वरिष्ठता के साथ यह भी सबसे महत्वपूर्ण ये ध्यान रखा जाता है कि संबंधित सांसद संसदीय कायदे-कानूनों के जानकारी भी रखने वाला हो। ताकि वह लोकसभा का विधिवत संचालन करने में सक्षम हो।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठता के लिहाज से देखें तो इस वक्त सुल्तानपुर से आठ बार से सांसद रही मेनका गांधी का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। वही बरेली संसदीय सीट से आठवी बार जीते संतोष गंगवार भी इस दौड़ सामिल थे, मगर वे मोदी सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार संतोष गंगवार को श्रम और रोजगार मंत्रालय मिला हैं। लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए दूसरा नाम मध्य प्रदेश की टीकमगढ़ सुरक्षित सीट से सात बार के सांसद वीरेंद्र कुमार का चल रहा है। वह 1996 से लगातार सांसद हैं। पिछली बार मोदी सरकार में उन्हें महिला एवं बाल विकास तथा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री का पद मिला था। वही एक ऐसा नाम जो सभी को हैरान करने वाला है वो एसएस अहलूवालिया का। अहलूवालिया का एक सांसद के तौर पर अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड रहा है. उन्हें राज्यसभा में उप नेता पद पर भी काम का अनुभव है। वह संसदीय नियम कायदों के साथ बंगाली, भोजपुरी, असमी, पंजाबी, हिंदी, अंग्रेजी भाषा के जानकार भी हैं।