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गठबंधन के बाद भी इस सीट पर अखिलेश और ओमप्रकाश राजभर ने उतार दिए अलग-अलग प्रत्याशी
उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान होना है। इसके लिए सभी पार्टियों ने प्रत्याशियों का भी एलान कर दिया है। राजनीतिक उठापठक के बीच चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भी जारी है। इन सबके साथ नेताओं की बयानबाजी और गुटबाजी भी अब सामने आने लगी है।
हालांकि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। लेकिन इसी बीच उत्तर प्रदेश के एक ऐसी विधानसभा सीट है जहां दोनों पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा हरदोई की संडीला विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार के रूप में नामित किए जाने के एक दिन बाद राजभर ने भी उसी सीट से अपना प्रत्याशी उतार दिया है।
दरअसल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने रविवार को घोषणा की है कि हरदोई की संडीला विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील अर्कवंशी एसपी-एसबीएसपी के उम्मीदवार होंगे। लेकिन इसके ठीक एक दिन पहले अखिलेश यादव ने स्वतंत्रता सेनानी रामकुमार भार्गव की बेटी रीता सिंह को यहां से उम्मीदवार बनाया था। इसे बारे में जब दोनों पार्टियों से बात की गई तो दोनों के जवाब भी अलग-अलग आए।
इस बारे में समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि एसबीएसपी द्वारा सीट की घोषणा के बारे में पता नहीं है, यदि कोई भ्रम है तो जल्द ही जवाब दिया जाएगा। वहीं इसके उलट एसबीएसपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पीयूष मिश्रा ने कहा कि कोई भ्रम नहीं हो सकता। सपा ने संडीला सीट एसबीएसपी को आवंटित की थी और अखिलेश जी ने 27 नवंबर को इस निर्वाचन क्षेत्र में हमारे लिए एक रैली भी की थी।
इससे पहले शनिवार को ही अखिलेश यादव ने संडीला से सपा के पूर्व विधायक की पत्नी रीता सिंह और बरेली की पूर्व मेयर सुप्रिया अरोन को पार्टी में शामिल कराया था। इस दौरान उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि बरेली कैंट सीट पर सुप्रिया सपा की उम्मीदवार होंगी, जबकि रीता सिंह संडीला से पार्टी की उम्मीदवार होंगी। हालांकि सपा के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि अखिलेश द्वारा घोषणा किए जाने के बाद लखनऊ की एक सीट से रीता सिंह को मैदान में उतारा जाएगा।
यह भी बताया गया कि रीता सिंह के दिवंगत पति संडीला विधायक थे, उन्होंने 2012 में सपा के टिकट पर सीट जीती थी, लेकिन उनकी जड़ें और परिवार लखनऊ में हैं। पार्टी उन्हें लखनऊ कैंट या किसी अन्य लखनऊ सीट पर मैदान में उतारेगी। रीता सिंह लखनऊ के मशहूर भार्गव परिवार से हैं। वह एक स्वतंत्रता सेनानी और कांग्रेस नेता स्वर्गीय रानी रामकुमार भार्गव की बेटी हैं।
रीता सिंह के भाई लव भार्गव पहले समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव थे। लव भार्गव ने 1993 के यूपी विधानसभा चुनाव में लखनऊ पूर्व सीट से सपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। फिलहाल हरदोई की संडीला विधानसभा क्षेत्र से गठबंधन की दोनों पार्टियों द्वारा अलग-अलग प्रत्याशी उतारने के बाद वहां कार्यकर्ताओं में हलचल बढ़ गई यही, अब देखना है कि यहां आगे क्या फैसला होता है।