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प्याज की बढ़ी कीमतों पर खुद समीक्षा करेंगे अमित शाह, बुलाई हाई लेवल मीटिंग
नई दिल्ली। पूरे देश में प्याज की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी के 'आंसू' निकाल दिए हैं, तो विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है। तमाम कोशिशों के बाद भी प्याज सस्ता नहीं हुआ तो अब गृहमंत्री अमित शाह ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। इसी बीच आज शाम को प्याज संकट पर शाम 5 बजे केंद्र के मंत्रियों की बैठक होगी। सूत्रों के मुताबिक बैठक गृह मंत्री अमित शाह लेंगे। बैठक में रेल मंत्री पीयूष गोयल, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान और कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र तोमर मौजूद रहेंगे। बैठक में पीएमओ अधिकारी व कैबिनेट सचिव के भी हिस्सा लेंगे।
पासवान ने ट्वीट कर बताया
बाजार में प्याज की बढ़ी कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इस बार मानसून में एक महीने की देरी के कारण प्याज की बुवाई में देरी भी हुई और पिछले साल से कम रकबे में बुवाई हुई जिसके कारण उत्पादन घटा और नई फसल के भी बाजार में आने में देर हो रही है।प्याज उत्पादक प्रमुख राज्यों कर्नाटक, महाराष्ट्र और राजस्थान में काफी ज्यादा बारिश होने के कारण प्याज की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है, नतीजतन प्याज का उत्पादन 26% कम हुआ है।
लगातार देश के विभिन्न हिस्सों में लंबे समय तक बाढ़ की स्थिति बनी रहने के कारण प्याज की ढुलाई में भी काफी परेशानी हुई जिसके कारण स्थानीय मंडियों में प्याज पहुंचने में देर हुई और काफी प्याज खराब भी हो गया।बाजार में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने और उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार ने मूल्य नियंत्रण कोष का इस्तेमाल करते हुए पहली बार प्याज का 57000 टन का बफर स्टॉक बनाया और जिन राज्य सरकारों ने जब और जितने प्याज की मांग की उनको सस्ते दर पर उतना प्याज मुहैया कराया गया।
29 सितंबर को सरकार ने प्याज के निर्यात पर पूरी तरह रोक लगा दी और इसी दिन प्याज के भंडारण पर स्टॉक लिमिट लगायी गई। स्टॉक लिमिट में दो दिन पहले फिर से संशोधन किया गया है जिसके तहत थोक विक्रेता 25 टन और खुदरा विक्रेता 5 टन से ज्यादा प्याज नहीं रख सकते।सभी राज्य सरकारों को जमाखोरों और कालाबाजारियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गये हैं। इसके तहत लगातार छापेमारी की जा रही है और जमाखोरी पर नियंत्रण किया गया है।
सरकार खुद भी NAFED और NCCF के जरिए विभिन्न जगहों पर और सफल, केन्द्रीय भंडार, मदर डेयरी आदि के काउंटरों से उपभोक्ताओं को सस्ता प्याज मुहैया करवा रही है। सरकार ने उपलब्धता बढ़ाने के लिए विदेश से प्याज के आयात में कई सुविधाओं और रिआयतों की घोषणा की जिसके कारण प्याज का आयात तेजी से बढ़ा है। MMTC के जरिए सरकार खुद भी आयात कर रही है और निजी आयातकों को भी प्रोत्साहन दिया है। अगले एक हफ्ते में आयातित प्याज बाजार में उपलब्ध हो जाएगा।
प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए MMTC ने 6090 टन प्याज इजिप्ट से और 11000 टन टर्की से मंगाया है जो 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच उपलब्ध हो जाएगा। टर्की से और 4000 टन प्याज जनवरी के मध्य तक बाजार में आ जाएगा। इसके अलावा 5-5 हजार टन के तीन नये टेंडर भी निकाले गये हैं।
बाजार में प्याज की बढ़ी कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इस बार मानसून में एक महीने की देरी के कारण प्याज की बुवाई में देरी भी हुई और पिछले साल से कम रकबे में बुवाई हुई जिसके कारण उत्पादन घटा और नई फसल के भी बाजार में आने में देर हो रही है।1/9
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) December 5, 2019