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पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली की जल्द ही सत्ता के केंद्र ल्यूटन की दिल्ली में वापसी होगी. प्राप्त जानकारी के मुताबिक जेटली को अकबर रोड पर 22 नंबर का बंगला आवंटित हुआ है. जेटली, पिछले महीने ही बतौर मंत्री मिला 2, कृष्ण मेनन मार्ग का बंगला छोड़कर कैलाश कॉलोनी स्थित खुद के घर में रहने चले गए थे.
जेटली ने स्वास्थ्य कारणों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में अब तक मंत्रीपद नहीं संभाला है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने जेटली से मुलाकात कर आग्रह किया है कि वह पूरी तरह स्वस्थ होने तक बिना विभाग के मंत्री के तौर पर शपथ लेकर सरकारी बंगले में रहें. यह भी जानकारी मिली है कि जेटली पर इलाज का अच्छा असर हो रहा है और वह तेजी से ठीक हो रहे हैं.
मंत्रीपद का प्रस्ताव स्वीकारा!
राज्यसभा सदस्य होने के कारण जेटली को उनकी वरिष्ठता देखते हुए दोबारा मंत्रीपद का प्रस्ताव दिया गया जो सूत्रों के मुताबिक उन्होंने स्वीकार लिया है. उसके बाद उन्हें 22, अकबर रोड का बंगला आवंटित कर दिया गया है. फिलहाल इस बंगले में चौधरी बिरेंदर सिंह रहते हैं जिन्हें यह बंगला खाली करना पड़ेगा. 1984 से सांसद और पूर्व मंत्री होने के नाते बिरेंदर सिंह भी सरकारी बंगले के हकदार हैं. उन्हें कोई दूसरा बंगला आवंटित किया जाएगा.
पहले बंगले से थे असंतुष्ट
जेटली द्वारा नये बंगले के प्रस्ताव को स्वीकारना इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि वह अपने पहले के बंगले से संतुष्ट नहीं थे. उनकी राय में वह बंगला उनके लिए शुभ नहीं रहा. कृष्ण मेनन मार्ग के घर में जाने के बाद से ही उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई. उन्हें एक के बाद एक सर्जरी करानी पड़ी. 22 अकबर रोड इस बंगले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी जैसे चर्चित लोग रह चुके हैं. वैसे केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह की सोच जेटली से अलग दिखती है. सिंह ने कृष्ण मेनन मार्ग के बंगले के आवंटन को स्वीकार लिया है. पूर्व केंद्रीय गृह सचिव रह चुके सिंह नहीं मानते कि घर किसी का भविष्य तय करता है.