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असम में दूसरी शादी करना हुआ मुश्किल, सरकार लागू करने जा रही 58 साल पुराना कानून
असम सरकार एक 58 साल पुराने कानून को एकबार फिर सख्ती से लागू करने जा रही है। जिसके बाद प्रदेश में कोई भी सरकारी कर्मचारी बिना अनुमति के दूसरी शादी नहीं कर सकेगा। दूसरी शादी करने के लिए सरकार की अनुमति जरूरी होगी।
दूसरी शादी पर लगेगी रोक
असम सरकार ने बाल विवाह पर कड़ी कार्रवाई के बाद अब बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने का मन बनाया है। इसके लिए प्रदेश सरकार के कार्मिक विभाग की ओर से जारी एक ज्ञापन में असम सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 26 का हवाला दिया गया है। इस नियम के तहत सरकार की मंजूरी के बिना कोई भी सरकारी कर्मचारी दूसरी शादी नहीं सकता है। यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे कदाचार माना जाएगा।
किसी धर्म विशेष को छूट नहीं
मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा के ओर से जारी एक बयान में उन्होंने बताया है कि प्रदेश सरकार कोई नया काम नहीं करने जा रही है। यह सरकार का एक पुराना सर्कुलर है, जिसे अब सख्ती से लागू किया जाएगा। इस बीच उन्होंने किसी धर्म विशेष का नाम लिए बिना कहा कि अगर कोई धर्म विशेष दूसरी शादी की अनुमति देता है, तो भी सर्कुलर के तहत कर्मचारी प्रदेश सरकार से अनुमति लेने के बाध्य होगा।
असम सरकार ने क्या कहा
असम के मुख्यममंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि ये नियम पहले से है। लेकिन इसे कभी लागू नहीं किया गया। अब उनकी सरकार ने इसे लागू करने का फैसला किया है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गोलाघाट में हुए ट्रिपल मर्डर केस को लेकर भी बड़ा दावा किया था। उन्होंने कहा था कि गोलाघाट में ट्रिपल मर्डर 'लव जिहाद' का नतीजा था। इस शब्द को मुस्लिम पुरुषों द्वारा हिंदू महिलाओं को बहकाकर उनका धर्म परिवर्तन कराने के कथित अभियान के लिए उपयोग किया जाता है। अक्सर दक्षिणपंथी नेता आरोप लगाते हुए इसका इस्तेमाल करते हैं. सरमा ने आश्वासन दिया कि आरोपियो के खिलाफ मुकदमे को तेजी से आगे बढ़ाने के इरादे से 15 दिनों के भीतर आरोप पत्र दायर किया जाएगा।
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