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भोपाल। भतीजे को केंद्र सरकार में वही मंत्रालय मिला जो भाई के पास था तो बुआ खुश हो गयीं।उन्हें लगता है कि अब भाई के सपनों को नई बुलंदी पर पहुंचाने का मौका आ गया है।भतीजा यह काम करेगा। आप सही समझ रहे हैं! बात ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी बुआ यशोधरा राजे सिंधिया की ही हो रही है।भतीजे की बहुप्रतीक्षित ताजपोशी होने पर यशोधरा ने ट्वीट कर अपनी खुशी जाहिर की है।उन्हें लगता है कि मोदी सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री बनने के बाद ज्योतिरादित्य अपने पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के सपनों को बुलंदी पर पहुंचाएंगे।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के फैसले का असर खुद उन पर कितना पड़ेगा यह तो वक्त बताएगा लेकिन एक बात साफ है कि इस फैसले ने उनके परिवार की आपसी दूरियां कम की हैं।जिन रिश्तों में सालों से खटास चल रही थी उनमें पिछले 15 महीनों में मिठास आयी है।यशोधरा का ट्वीट इसी मिठास का प्रतीक है।
उल्लेखनीय है कि ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया कांग्रेस में थे जबकि उनकी दादी और दोनों बुआएँ भाजपा में।उनकी दादी विजयाराजे सिंधिया भाजपा की संस्थापक सदस्य थीं। बड़ी बुआ बसुंधरा राजे सिंधिया भी भाजपा की बड़ी नेता हैं।वह दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रही हैं। छोटी बुआ यशोधरा राजे सिंधिया मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं।वह सिंधिया घराने के प्रभाव वाली शिवपुरी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं। वे लंबे समय से मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार का हिस्सा हैं।इस समय वे खेल एवं युवा कल्याण मंत्री हैं।
देश के हर राजपरिवार की तरह सिंधिया राजपरिवार में भी घरेलू वजहों से मतभेद रहे हैं।उन मतभेदों की लंबी कहानी है।ज्योतिरादित्य ने भाजपा में शामिल होने का फैसला भले ही अपने आत्मसम्मान के लिए किया हो लेकिन अपरोक्ष रूप से यह फैसला सिंधिया परिवार की एकता के लिए मील का पत्थर सावित होगा।अब पूरा सिंधिया परिवार भाजपा में ही है।एक दल में आ जाने के बाद यह स्वाभाविक है निजी कटुता भी कम होगी।यशोधरा का ट्वीट यही सावित कर रहा है।
उन्होंने लिखा है-जिस पद पर भरी "दादा" ने उड़ान..उसी पर हुये ज्योतिरादित्य विराजमान! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मंत्रिमंडल में नागरिक उड्डयन मंत्री बनने पर अपने आत्मीय ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया को स्नेह भरी शुभकामनाएं!यह मौका है भाई श्रीमंत माधवराव सिंधिया के सपनों को नई बुलंदी देने का!इस ट्वीट से यशोधरा की खुशी साफ झलक रही है।लेकिन ज्योतिरादित्य की बड़ी बुआ बसुंधरा राजे ने इस तरह का भाव नही दिखाया है। उन्होंने ज्योतिरादित्य को अलग से वधाई देने की बजाय सभी नए मंत्रियों वधाई दी है।
सिंधिया परिवार को नजदीक से जानने वाले सूत्रों का मानना है कि भले ही बसुंधरा ने सार्वजनिक वधाई नही दी हो पर ज्योतिरादित्य के भाजपा में आने के बाद रिश्तों में जमी बर्फ पिघलना शुरू हुई है।आने वाले दिनों में इसका असर दिखाई देगा।फिलहाल परिवार की खुशी साफ दिख रही है।उनके मन में क्या है वही जानें।पर रिश्तों में बदलाव आना तय है।यह भी ज्योतिरादित्य के लिये एक उपलब्धि होगी।