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जयंत चौधरी को बडा झटका, इस बड़े नेता ने दे दिया इस्तीफा
राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि वह 'इंदिरा के आपातकाल के भी खिलाफ खड़े थे और आज भी उन सभी संस्थानों को कमजोर होते हुए चुपचाप नहीं देख सकते, जिन्होंने एकजुट होकर भारत को दुनिया के महान देशों में से एक बनाया है.
शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि आरएलडी के एनडीए का हिस्सा बनने के बाद 'मैं असमंजस में पड़ गया हूं. मैंने इस पर विचार किया है लेकिन बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन से खुद को जोड़ पाने में असमर्थ हूं.' उन्होंने बताया कि आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी को उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया है.
'लोकतांत्रिक ढांचे को समाप्त होते नहीं देख सकता'
शाहिद सिद्दीकी ने एक एक्स पोस्ट में कहा, "मैंने अपना त्यागपत्र राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी जी को भेज दिया है. मैं खामोशी से देश के लोकतांत्रिक ढांचे को समाप्त होते नहीं देख सकता. मैं जयंत सिंह जी और आरएलडी मैं अपने साथियों का आभारी हूं."
उन्होंने जयंत चौधरी को भेजी अपनी चिट्ठी में कहा, "हमने 6 वर्षों तक एक साथ काम किया है और एक-दूसरे का सम्मान करते हैं. मैं, एक तरह से, आपको एक कलीग से ज्यादा एक छोटे भाई के रूप में देखता हूं. हम महत्वपूर्ण मुद्दों पर और विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारे और सम्मान का माहौल बनाने में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए हैं."
'आपकी राजनीतिक मजबूरियों से अवगत हूं'
शाहिद सिद्दीकी ने कहा, "धर्मनिरपेक्षता और हम दोनों जिन संवैधानिक मूल्यों को संजोते हैं, उनके प्रति आपकी प्रतिबद्धता पर कोई संदेह नहीं कर सकता. आपके दिवंगत दादा, भारत रत्न चौधरी चरण सिंहजी, आपके दिवंगत पिता अजीत सिंहजी और आपके समय से - आप सभी, और वाकई में आपके द्वारा बनाई गई पार्टी इन मूल्यों के लिए खड़ी रही है.
शाहिद सिद्दीकी ने कहा, "मैं आपकी राजनीतिक मजबूरियों से अवगत हूं और आपको अन्यथा सलाह देने की स्थिति में नहीं हूं लेकिन अपनी बात करूं तो मैं खुद को इस चल रहे अभियान से और वास्तव में आरएलडी से अलग करने के लिए बाध्य हूं."