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अडवाणी और कलराज की टिकिट क्यों काटी जबकि मुरली मनोहर की टिकिट पर संशय क्यों बरकरार?
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. बीजेपी की पहली लिस्ट आने के बाद ये साफ हो गया है कि एसपी-बीएसपी गठबंधन के बाद बीजेपी उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण नेताओं को नाराज नहीं करना चाहती थी. ऐसे में पार्टी कलराज मिश्रा के टिकट पर सख्त फैसला नहीं लेना चाहती थी. इसलिए पार्टी ने उन्हें ऐसा प्रस्ताव दिया कि उनके दोनों हाथों में लड्डू आ गए.
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने चुनाव बाद उन्हें उनके कद के हिसाब से पद देने का आश्वासन दिया. पार्टी ने देवरिया लोकसभा का टिकट उनके हिसाब से देने का प्रस्ताव रखा. इसके साथ बीजेपी आलाकमान ने यह भी साफ कर दिया कि अगर कलराज मिश्रा पार्टी का प्रस्ताव नहीं माने तो उनका टिकट भी काटा जा सकता है. कलराज के सामने ये शर्त रखी गई कि वो बीजेपी की पहली लिस्ट के पहले मीडिया में चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दें. इसके लिए कलराज मिश्रा तैयार हो गए.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, प्रस्ताव तो मुरली मनोहर जोशी के पास भी भेजा गया है लेकिन उनका अभी तक कोई जवाब नहीं आया. ऐसे में पार्टी आडवाणी का टिकट काटने और कलराज मिश्रा के चुनाव न लड़ने के ऐलान के बाद पार्टी उन्हें सोचने का वक्त देना चाहती है ताकि कोई सख्त फैसला लेने से पहले जोशी खुद चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दे और इसीलिए कानपुर लोकसभा सीट पर उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया है.