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फ्रंटफुट से बैकफुट पर जा रही भाजपा सरकार, विपक्ष ने उठाया बड़ा मुद्दा
नये मोटर व्हीकल एक्ट भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार के लिए उसका ही एक कानून मुसीबत बन गया है। ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए लाए गए नए मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माना राशि को काफी बढ़ाया गया। सड़क पर लाल बत्ती पार कर जाना या फिर बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन को चलाना बीते कुछ समय से भारत की सड़कों पर आम बात हो रही थी. इसी धारणा को बदलने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का मंत्रालय ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना लगाने की नीति लाया. 1 सितंबर को कानून लागू हुआ और 11 सितंबर तक उसका जुगाड़ भी निकल गया। कई राज्य सरकारों ने कानून में संशोधन कर जुर्माना राशि को ही घटा दिया और इन राज्यों की लिस्ट में भारतीय जनता पार्टी के राज्य ही अव्वल हैं।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के इस नए कानून के तहत जुर्माना राशि 1000 से बढ़कर 5 हजार या 10 हजार रुपये तक बढ़ा दी गई. नया कानून लागू हुआ तो 25 हजार, 50 हजार तक के चालान की खबरें आने लगीं और तीखी बहस शुरू हो गई। आम लोगों के बीच चालान को लेकर मची हलचल के बीच राज्य सरकारों ने इस कानून का ही एक जुगाड़ निकाल लिया और इस फॉर्मूले की अगुवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात ने की।
राज्य के सीएम विजय रूपाणी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जुर्माना राशि में कटौती का ऐलान किया और कई जुर्मानों में राशि को 90 फीसदी तक घटा दिया। जैसे एम्बुलेंस का रास्ता रोकने पर 10 हजार की जगह 1 हजार, बाइक पर ओवरलोड पर 1 हजार की जगह 100 रुपये, बिना रजिस्ट्रेशन की बाइक पर 5 हजार की जगह सिर्फ एक हजार रुपये का जुर्माना.
गुजरात ने एक रास्ता दिखाया तो अन्य राज्य भी उसपर चल दिए. और इनमें सबसे आगे रहे वो राज्य जहां कुछ ही महीनों में चुनाव होने वाले हैं. और खास बात ये है कि ये तीनों ही राज्य भाजपा शासित प्रदेश हैं. गुजरात के बाद महाराष्ट्र जागा और राज्य के परिवहन मंत्री ने नितिन गडकरी को चिट्ठी लिख दी, जुर्माना राशि पर चिंता जताई. देवेंद्र फडणवीस की सरकार को चिंता है कि कहीं बढ़ी हुई राशि वोटों की संख्या ना घटा जाए।
एक और भाजपा शासित राज्य महाराष्ट्र ने भी इस कानून के आगे हाथ खड़े कर दिए हैं. महाराष्ट्र केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का गृह राज्य भी है. गौर करने वाली बात ये भी है कि महाराष्ट्र में कुछ ही महीनों में चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में राज्य के मुखिय देंवेंद्र फडणवीस कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री इस मुद्दे पर नितिन गडकरी को चिट्ठी भी लिखने वाले हैं.
भाजपा शासित राज्य उत्तराखंड ने भी जुर्माना राशि को काफी ज्यादा बताया. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में नए मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन किया और कई जुर्माने की राशि आधी कर दी. उदाहरण के तौर पर बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर 5000 की जगह 2500 रुपये का जुर्माना.
महाराष्ट्र की तरह ही कुछ महीनों में झारखंड में भी चुनाव होने वाले हैं और यहां पर भी वोटों की चिंता है. राज्य में भी नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं हुआ है और राज्य सरकार ने पहले ही जुर्माने में कटौती के संकेत दे दिए हैं. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद झारखंड में जुर्माना राशि में कटौती हो सकती है।
इस साल हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं और राज्य के मुखिया मनोहर लाल खट्टर ने अभी नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू करने से इनकार किया है. राज्य सरकार की ओर से पूरे हरियाणा में ट्रैफिक नियमों के लिए जागरूक अभियान चलाया जाएगा. राज्य सरकार 45 दिनों तक ये अभियान चलाएगी।
इन अहम राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल, कर्नाटक जैसे कुछ अन्य राज्य भी मोटर व्हीकल एक्ट के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. तृणमूल कांग्रेस ने इस कानून का संसद में भी विरोध किया था और अब ममता सरकार ने राज्य में इसे लागू नहीं किया है. वहीं, बीजेपी शासित कर्नाटक की राज्य सरकार भी बढ़ी हुई जुर्माना राशि से परेशान नजर आ रही है और जल्द ही जुर्माना राशि में कटौती के संकेत दिए हैं।
इन राज्यों के अलावा भी कई बीजेपी शासित राज्य ऐसे हैं, जहां नए कानून का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है. उदाहरण के तौर पर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अभी नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं हुआ है. सिर्फ बीजेपी राज्य ही नहीं बल्कि कई विपक्षी पार्टियों के राज्यों ने भी इस कानून को लागू नहीं किया है।
गडकरी की गिनती उन मंत्रियों में होती है जो हमेशा कुछ नया फॉर्मूला सामने लाते हैं. गडकरी सड़क बनाने में नई तकनीक लाते हैं, लाइसेंस बनाने के लिए नए फॉर्मूले लाते हैं और अब ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए गडकरी नया कानून लाए तो अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं,आपको बता दें कि अगर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की बात करें तो उनका कहना है कि केंद्र की तरफ ये जुर्माना कमाई के लिए नहीं बल्कि लोगों की सुरक्षा के लिए लगाया गया है. अगर कानून कड़ा होगा तो लोग उसका पालन करेंगे।
हालांकि, राज्य सरकारों के द्वारा जो कानून में बदलाव किया जा रहा है उसपर नितिन गडकरी का कहना है कि राज्यों के पास अपने हिसाब से बदलाव करने का अधिकार है, लेकिन उन्होंने ये भी अपील की है कि किसी राज्य सरकार को राजनीतिक दबाव में नहीं आना चाहिए और कानून को कड़ा ही रखना चाहिए।
भारतीय युवा कांग्रेस ने मोटर व्हीकल अधिनियम के संशोधित प्रावधानों के खिलाफ केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के आवास के बाहर 11 सिंतबर को विरोध प्रदर्शन किया । यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन के दौरान बेहद उग्र नजर आए. कार्यकर्ता नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए नारा लगा रहे थे. इसी दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने पास ही रखे एक स्कूटर को उठा लिया और कुछ देर तक हवा में ही लटकाए रखा।
कांग्रेस का कहना है कि यदि गरीब आदमी 25 हजार रुपये का चालान कटवाएगा तो वह अपना घर कैसे चलाएगा। यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक इन नियमों में बदलाव नहीं किया जाता तब तक वह अपना विरोध जारी रखेंगे। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने विरोध स्वरूप अपने पुराने वाहन नितिन गडकरी को सौंपने की बात भी कही। वहीं, राजस्थान के उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि कानून का पालन सभी को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो चीजें व्यवहारिक नहीं हैं, उनमें बदलाव होना ही चाहिए। वहीं कांग्रेस के एक और नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि इस तरह का भारी-भरकम जुर्माना लगाने से अच्छा है कि सरकार को लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करना चाहिए।