- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
कर्नाटक की हार से तेलंगाना में भाजपा दो फाड़, हिंदुत्व के मुद्दे पर नेता हुए असहमत
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में हार का असर भारतीय जनता पार्टी की तेलंगाना इकाई में भी नजर आ रहा है। खबर है कि राज्य में पार्टी हिंदुत्व और मौजूदा भारत राष्ट्र समिति की सरकार पर हमले के मुद्दे पर दो फाड़ हो गई है। तेलंगाना में भी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। दक्षिण भारत के एकमात्र गढ़ कर्नाटक को गंवाने के बाद भाजपा के लिए तेलंगाना की चुनावी जंग काफी अहम हो गई है।
कहा जा रहा है कि पार्टी में पहले भी इस मुद्दे पर राय अलग-अलग रही है, लेकिन कर्नाटक के नतीजों के चलते अब खुलकर सामने आने लगी हैं। एक ओर जहां तेलंगाना भाजपा के प्रमुख बंडी संजय के समर्थक मानते हैं कि पार्टी को हिंदुत्व के मुद्दे पर ही जोर देते रहना चाहिए। वहीं, दूसरे समूह में शामिल नेताओं का मानना है कि पार्टी को मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और उनकी पार्टी को असफल वादों को लेकर घेरना चाहिए।
बीआरएस को घेरने के पक्षदर गुट में अधिकांश ऐसे नेता हैं, जो हाल ही में भाजपा का हिस्सा बने हैं और अन्य दलों से आए हैं। उनका मानना है कि कर्नाटक के नतीजों ने दिखा दिया है कि दक्षिण भारतीय राज्यों में हिंदुत्व का मुद्दा सीमित है। कहा जा रहा है कि अमूल बनाम नंदिनी डेयरी मामले को क्षेत्रीय राजनीति का अच्छा उदाहरण बता रहे हैं। कुछ नेताओं का मानना है कि नंदिनी के समर्थन से कांग्रेस को फायदा हुआ है।
इधर, करीमनगर सांसद संजय लगातार हिंदुत्व के मुद्दे को उठा रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि हैदराबाद के सचिवालय में नए बने गुंबद मस्जिद की तरह नजर आ रहे हैं। उन्होंने पार्टी के सत्ता में आने पर इन्हें हटाने की कसम खाई है।
खबरें हैं कि भाजपा नेता इताला राजेंद्र अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। पार्टी ने अब तक मीटिंग की वजह का खुलासा नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि भाजपा विधानसभा चुनाव से पहले रणनीति को नया आकार दे रही है।