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भारतीय अर्थव्यवस्था की बर्बादी और तबाही का गवाह बजट : प्रमोद तिवारी

Arun Mishra
2 Feb 2023 6:23 AM GMT
भारतीय अर्थव्यवस्था की बर्बादी और तबाही का गवाह बजट : प्रमोद तिवारी
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प्रमोद तिवारी ने कहा है कि महंगाई कम करने के लिये ‘‘म’’ शब्द तक का जिक्र नहीं है

नोएडा (धीरेन्द्र अवाना) : केन्द्रीय सरकार के द्वारा पेश किया गया बजट पर बोलते हुये प्रमोद तिवारी, सांसद, राज्य सभा, एवं सदस्य, स्टीयरिंग कमेटी तथा आराधना मिश्रा मोना, नेता, काग्रेंस विधान मण्डल दल, उत्तर प्रदेश ने कहा है कि केन्द्रीय सरकार का यह बजट ''मोदी सरकार'' की 9 साल की भारतीय अर्थव्यवस्था की बर्बादी और तबाही का गवाह है ।

एक तरफ माननीय मोदी जी के वर्ष 2014 के वायदे और दूसरी तरफ उनके पूर्ण कालिक अंतिम बजट की घोषणाओं को यदि देखा जाय तो न इसमें 2 करोड़ प्रतिवर्ष नौकरियों का प्राविधान है, न ही जिक्र है, और न इसमें सीमांत, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने का कोई ठोस प्रस्ताव है, तथा न ही किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य का कोई प्राविधान है।नेता द्वय ने कहा है कि महंगाई कम करने के लिये ''म'' शब्द तक का जिक्र नहीं है, मनरेगा, जिसने जहां एक तरफ रोजगार सृृजन किया है और दूसरी तरफ निर्माण कार्य उसके द्वारा किये गये हैं उसके धन में कटौती हुई है।

सात लाख तक की इनकम टैक्स माफी का जो झुनझुना पकड़ाया, उसकी असलियत यह है कि बीमा कम्पनियों में जो पैसा लगता था और वार्षिक बजट में राहत मिलती थी, वह सब समाप्त कर दिया, अर्थात एक हाथ से दिया है और दूसरे हाथ से ले लिया है। नेता द्वय ने कहा है कि आटा, दाल सहित कई आवष्यक वस्तुओं के दाम बढ़ा दिये है, एक गलत सरकार चुनने का खामियाजा देष की जनता भुगत रहीं है।कुल मिलाकर कहा जाय तो यह बजट पूरी तरह से निराषाजनक और देष की आर्थिक बर्बादी का बजट है।

Arun Mishra

Arun Mishra

Sub-Editor of Special Coverage News

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