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CWC बैठक में बोलीं सोनिया गांधी- CAA का उद्देश्य भारतीयों को धार्मिक आधार पर बांटना है

Arun Mishra
11 Jan 2020 1:44 PM GMT
CWC बैठक में बोलीं सोनिया गांधी- CAA का उद्देश्य भारतीयों को धार्मिक आधार पर बांटना है
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सोनिया ने सीएए को भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी कानून करार देते हुए दावा किया कि इसका मकसद भारत के लोगों को धार्मिक आधार पर बांटना है।

कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाधीं ने कहा की नए साल की शुरुआत संघर्षों, अधिनायकवाद, आर्थिक समस्याओं और अपराध से हुई है। उन्होंने सीएए को भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी कानून करार देते हुए दावा किया कि इसका मकसद भारत के लोगों को धार्मिक आधार पर बांटना है।

इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों और अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि जेएनयू और अन्य जगहों पर युवाओं एवं छात्रों पर हमले की घटनाओं के लिए उच्च स्तरीय आयोग के गठन किया जाना चाहिए।


सोनिया ने कहा कि जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और कुछ अन्य जगहों पर युवाओं और छात्रों पर हमले की घटनाओं की जांच के लिए विशेषाधिकार आयोग का गठन किया जाए। बता दें कि बता दें कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून के लिए अधिसूचना जारी कर दी है।

इसी के साथ संशोधित नागरिकता कानून शुक्रवार से ही पूरे देश में प्रभावी हो गया है। बता दें कि इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

कानून के मुताबिक इन छह समुदायों के शरणार्थियों को पांच साल तक भारत में रहने के बाद भारत की नागरिकता दी जाएगी। अभी तक यह समयसीमा 11 साल की थी। कानून के मुताबिक ऐसे शरणार्थियों को गैर-कानून प्रवासी के रूप में पाए जाने पर लगाए गए मुकदमों से भी माफी दी जाएगी।

कानून के अनुसार, यह असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा, क्योंकि ये क्षेत्र संविधान की छठी अनुसूची में शामिल हैं। इसके साथ ही यह कानून बंगाल पूर्वी सीमा विनियमन, 1873 के तहत अधिसूचित इनर लाइन परमिट (आईएलपी) वाले इलाकों में भी लागू नहीं होगा। आईएलपी अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिज़ोरम में लागू है।

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Sub-Editor of Special Coverage News

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