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सत्ता में आए तो नोटबंदी की जांच होगी : कांग्रेस

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9 Nov 2018 4:53 PM GMT
सत्ता में आए तो नोटबंदी की जांच होगी : कांग्रेस
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File Photo
कांग्रेस ने यह भी कहा कि सरकार को यह पता करने के लिए श्वेत-पत्र लाना चाहिए कि नोटबंदी से क्या फायदा और नुकसान हुआ।

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी के दो साल पूरा होने के मौके पर नरेंद्र मोदी सरकार के इस कदम के खिलाफ शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया और कहा कि 2019 में पार्टी की सरकार बनी तो इस घोटाले की जांच कराई जाएगी।

पार्टी ने यह भी कहा कि सरकार को यह पता करने के लिए श्वेत-पत्र लाना चाहिए कि नोटबंदी से क्या फायदा और नुकसान हुआ। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भोपाल में कहा, दो साल पहले 8 नवंबर 2016 को मोदी ने नोटबंदी को आर्थिक क्रांति का नया सूत्र बताते हुए कहा था कि इससे सारा कालाधन पकड़ा जाएगा, फर्जी नोट पकड़े जाएंगे और आतंकवाद एवं नक्सलवाद देश से खत्म हो जाएगा। सूरजेवाला ने दावा किया, 'लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। न कालाधान विदेशों से वापस आया, न फर्जी नोट पकड़े गए और न ही आतंकवाद एवं नक्सलवाद खत्म हुआ, बल्कि और बढ़ गया।'

पार्टी के संगठन महासचिव अशोक गहलोत और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली में भारतीय रिजर्व बैंक के बाहर प्रदर्शन किया जहां से पुलिस ने उनको हिरासत में लिया। हालांकि कुछ देर बाद उन्हें छोड़ दिया गया। इस मौके पर गहलोत ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने 50 दिन मांगे थे और कहा था कि आतंकवाद एवं नक्सलवाद खत्म हो जाएगा तथा कालाधन खत्म हो जाएगा। अब हम प्रधानमंत्री से पूछ रहे हैं कि वह बताएं कि नोटबंदी से क्या फायदा हुए।' गहलोत ने कहा, 'हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री श्वेत-पत्र जारी करें। वह बताएं कि क्या फायदे हुए और क्या बर्बादी हुई। वह पूरे देशवासियों से माफी मांगे कि उनसे गलती हो गई क्योंकि वह नए नए प्रधानमंत्री बने थे और जोश में यह कदम उठा दिया। कांग्रेस ने देश के सभी राज्यों में नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन किया।

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'मोदी सरकार का यह कदम खुद से पैदा की गई 'त्रासदी' और 'आत्मघाती हमला' था जिससे प्रधानमंत्री के 'सूट-बूट वाले' मित्रों ने अपने कालेधन को सफेद करने का काम किया।'

कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि आरबीआई ने नोटबंदी के समय इसका विरोध किया था, लेकिन मोदी जी नहीं माने और नोटबंदी की घोषणा कर दी। प्रधानमंत्री तुगलकी फरमान जारी करके देश चलाना चाहते हैं। वित्तमंत्री भी पूरी तरह विफल हैं और प्रधानमंत्री को खुश करने के लिए बयान देते रहते हैं।

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