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कांग्रेस के स्टार प्रचारक होंगे BJP में शामिल? स्वामी प्रसाद मौर्य की भी बढ़ेगी टेंशन
उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान होना है। इसके लिए सभी पार्टियों ने प्रत्याशियों का भी एलान कर दिया है। राजनीतिक उठापठक के बीच चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भी जारी है। इन सबके साथ नेताओं की बयानबाजी और गुटबाजी भी अब सामने आने लगी है
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कांग्रेस को बहुत बड़ा झटका देने जा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राहुल गांधी की टीम में प्रमुख चेहरा रहे आरपीएन सिंह बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में आज ही वह पार्टी की सदस्यता लेंगे। दिलचस्प यह है कि एक दिन पहले ही कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की जो लिस्ट जारी की है उसमें आरपीएन सिंह का भी नाम है। पडरौना राजघराने से आने वाले आरपीएन के जरिए बीजेपी एक तीर से दो निशाना साधने जा रही है। बीजेपी उन्हें स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ पडरौना से उतार सकती है। हालांकि, स्वामी के टिकट की घोषणा अभी नहीं हुई है।
आरपीएन सिंह कुशीनगर के पडरौना के रहने वाले हैं। वह 1996 से 2009 तक पडरौना से कांग्रेस के विधायक रहे हैं। 2009 में वह कुशीनगर (तत्कालीन पडरौना लोकसभा) सीट से लोकसभा सांसद चुने गए। वह यूपीए-2 सरकार में सड़क परिवहन, पेट्रोलियम और गृह राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।
आरपीएन सिंह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की टीम का अहम चेहरा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद, सचिन पायलट और आरपीएन सिंह को कभी राहुल के सबसे करीब बताया जाता है। बीजेपी सिंधिया और जितिन प्रसाद को पहले ही अपने पाले में ला चुकी है। माना जा रहा है कि आरपीएन सिंह के पाला बदलने में भी सिंधिया का अहम हाथ है।
आरपीएन सिंह पडरौना राजघराने से आते हैं और कुशीनगर के आसपास इस राजघराने की पकड़ बेहद मजबूत है। पडरौना सीट भी कुशीनगर जिले में ही है, जहां से स्वामी प्रसाद मौर्य लड़ते रहे हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी के टिकट पर लड़े स्वामी प्रसाद मौर्य को आरपीएन सिंह ने मात दी थी। हाल ही में बीजेपी छोड़कर सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य के सीट का ऐलान नहीं हुआ है। सूत्रों का कहना है कि स्वामी को इस बात की खबर है कि आरपीएन बीजेपी में जा सकते हैं और पार्टी उन्हें पडरौना से चुनाव भी लड़वा सकती है। यही वजह है कि वह सपा नेतृत्व से अपनी सीट बदलने की मांग कर रहे हैं। वह किसी और सेफ सीट की तलाश में हैं।