
सोशल मीडिया में चुनाव जीतने वाली कांग्रेस ये तो बताए उसे वोट कौन करेगा?

अंसार इमरान
कांग्रेस का मौजूदा समय में हाल ये है कि वो लोकसभा चुनाव 2024 को सोशल मीडिया के ट्रेंड के हिसाब से जीता हुआ मान कर चल रहे है मगर ये नहीं बता पा रहे है कि उनको आखिर वोट कौन करेगा? किस वोट कॉम्बिनेशन के साथ वो चुनाव जीतेंगे?
कांग्रेस नेताओं को लग रहा है कि मुसलमानों से बातचीत किये बिना ही वो भाजपा के डर और अपने अस्तित्व को बचाने के नाम पर मुफ्त में ही वोट दे देगा। मुसलमानों के वोट को कांग्रेस बहुत ज्यादा फॉर ग्रांटेड ले रही है जिसका खामियाजा भी भुगतना पद सकता है।
चलिए एक समय के लिए मान भी लिया जाये कि मुसलमान कांग्रेस को वोट दे देंगे मगर केवल मुस्लिम वोट से तो चुनाव में जीत होगी नहीं। दूसरा कौन सा समुदाय है जो उनके जीत के कॉम्बिनेशन को पूरा करेगा चाहे वो ब्राह्मण हो या दलित व् आदिवासी।
केवल भाजपा का भय अब मुसलमानों से कांग्रेस को वोट नहीं दिलवा सकता है। ये बात जितनी जल्दी कांग्रेस समझ ले उतना अच्छा है। मुसलमानों को हलवा समझना बंद करिये और मुसलमानों को राजनीतिक तौर पर उचित भागीदारी दें।
पहले कांग्रेस का परंपरागत वोट बेंक ब्राह्मण, आदिवासी, दलित, मुसलमान था। उसके बाद 1989 में जब राम मंदिर का मुद्दा गौड़ मुद्दों में आया तो कांग्रेस से मुस्लिम मतों का विभाजन शुरू हुआ और उसके बाद जब हिन्दुत्व के धार पैनी शुरू होना हुई तो सबसे पहले ब्राह्मण कांग्रेस से दूर जाने लगा, उसके बाद कांग्रेस लगातार हिन्दी बेल्ट में कमजोर होती गई।
जहां राज्यों में स्थानीय छोटे छोटे दलों ने बढ़ना शुरू किया जिसमें मुख्यतः यूपी में सपा बसपा बिहार में राजद और जदयू , रामविलस पासवान , उड़ीसा में बीजू जनता दल , बिहार में शिबू सोरेन जो अब झारखंड के नेता है। इन्होंने कांग्रेस के वोट में से सेंधमारी शूरु की ये सभी दल राजद और सपा को छोड़कर बीजेपी से गलबहियाँ कर चुके है।
अब इस चुनाव में परिदृश्य बदला दिख रहा है अगर कांग्रेस ने हिन्दी बेल्ट में नाराज ब्राह्मण पर फोकस कर लिया तो बीजेपी के मुश्किल और कांग्रेस की राह आसान होजाएगी। लेकिन क्या ये बात आसान है। क्यों सभी राज्यों में बड़े पैमाने पर मुस्लिम वोट कांग्रेस को मिलने जा रहा है यह बात तय मान कर चलिए इससे घबराए हुए राजनैतिक दलों में जो छोटे छोटे है उनका रुझान कांग्रेस की तरफ बढ़ता दिख रहा है।