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LockDown : मजदूरों के पलायन पर हमलावर विपक्ष, 'शर्म आनी चाहिए कि इस हाल में छोड़ दिया'

Arun Mishra
28 March 2020 3:40 PM IST
LockDown : मजदूरों के पलायन पर हमलावर विपक्ष, शर्म आनी चाहिए कि इस हाल में छोड़ दिया
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लॉकडाउन के चलते बसों-ट्रेनों और अन्य सार्वजनिक वाहनों की आवाजाही बंद है. ऐसे में मजदूर पैदल ही अपने गांव-घर के लिए निकल पड़े हैं.

कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लगाए गए 21 दिनों के लॉकडाउन (Lockdown) का असर पूरे देश में दिख रहा है. लॉकडाउन के चलते सड़कें सुनसान हैं, लोग अपने घरों में समय बिता रहे हैं और बहुत सारे लोगों का काम-धंधा भी बंद पड़ा हुआ है.

ऐसे हालात में शहरों के प्रवासी मजदूर अपने घर के लिए निकल पड़े हैं. लॉकडाउन के चलते बसों-ट्रेनों और अन्य सार्वजनिक वाहनों की आवाजाही बंद है. ऐसे में मजदूर पैदल ही अपने गांव-घर के लिए निकल पड़े हैं.

शहरों से मजदूरों के पलायन और उनकी बेबस स्थिति को देखते हुए सत्ताधारी दल समेत अन्य पार्टियों के नेता भी सक्रिय हो गए हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव तक ने इन मजदूरों की उचित देखभाल को लेकर ट्वीट किया है.

प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, "इन मजबूर हिंदुस्तानियों के साथ ऐसा सलूक मत कीजिए. हमें शर्म आनी चाहिए कि हमने इन्हें इस हाल में छोड़ दिया है. ये हमारे अपने हैं. मजदूर देश की रीढ़ की हड्डी है. कृपया इनकी मदद करिए."


कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "आज हमारे सैकड़ों भाई-बहनों को भूखे-प्यासे परिवार सहित अपने गांवों की ओर पैदल जाना पड़ रहा है. इस कठिन रास्ते पर आप में से जो भी उन्हें खाना-पानी-आसरा-सहारा दे सके, कृपा करके दे. कांग्रेस कार्यकर्ताओं-नेताओं से मदद की खास अपील करता हूं."


राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "सरकार इस भयावह हालत की जिम्मेदार है. नागरिकों की ये दशा करना एक बहुत बड़ा अपराध है. आज संकट की घड़ी में हमारे भाइयों और बहनों को कम से कम सम्मान और सहारा तो मिलना ही चाहिए. सरकार जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए ताकि ये एक बड़ी त्रासदी ना बन जाए."



अखिलेश यादव ने ट्वीट करके कहा, "ऐसे मानसिक और शारीरिक दबाव के समय भोजन और काम के बिना बेघर लोगों का घर की ओर गमन स्वाभाविक है. सरकार द्वारा व्यवस्था की निरंतरता और दूरी बनाए रखते हुए लोगों को उनके घर तक पहुंचाना जरूरी है. ऐसे बीच में फंसे लोगों के भोजन, जांच और आवश्यकतानुसार इलाज की व्यवस्था भी होनी चाहिए."



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