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निर्वाचन अधिकारी ने लिया फैसला,त्रिपुरा में होगा पुनर्मतदान
त्रिपुरा। त्रिपुरा पूर्वोत्तर भारत का तीसरा छोटा राज्य है। इसका कुल क्षेत्रफल 10 हजार वर्गकिलोमीटर से ज्यादा है। त्रिपुरा में 2 लोकसभा सीटें और 60 सीट विधानसभा सीटें हैं। तो पश्चिम संसदीय क्षेत्र की 26 विधानसभा सीटों में 168 बूथों पर 12 मई को पुनर्मतदान होगा। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने यहां आज यानि बुधवार को यह जानकारी दी। चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) श्रीराम तरनीकांति को दिए पत्र में कहा गया है।
आपको बतादें कि 11 अप्रैल को 168 मतदान केन्द्रों पर मतदान हुआ था। जो निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट्स के आधार पर दोबारा चुनाव कराने के लिए 12 मई की तिथि निश्चित की है। अधिकारीयों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने त्रिपुरा पश्चिम में दोबारा चुनाव कराए जाने को लेकर उन स्थानों पर केंद्रीय अर्धसैनिक बल (सीपीएमएफ) की 15 कंपनियां पहले ही तैनात कर दी हैं जहां पहले चरण के तहत 11 अप्रैल को चुनाव हुए थे। वही विपक्षी दल – कांग्रेस और मार्क्संवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बड़े पैमाने पर धांधली करने, बूथ कैप्चरिंग, धमकी देने और हमला करने का आरोप लगाकर पूरे त्रिपुरा पश्चिम संसदीय क्षेत्र में दोबारा मतदान कराने की मांग कर रहे हैं। लेकिन भाजपा ने आरोपों को खारिज कर सीईओ तरनिकांति पर साजिश करने का आरोप लगाकर उन्हें हटाने की मांग की।
पहले चरण के तहत 11 अप्रैल को हुए मतदान में गड़बड़ियों, धमकाने और हिंसा के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने कड़ा फैसला लेते हुए वहा के निर्वाचन अधिकारी संदीप महात्मे तथा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) राजीव सिंह को बर्खास्त कर दिया है। और साथ ही चुनाव प्रक्रिया की जांच करने के लिए पूर्व निर्वाचन उपायुक्त विनोद जुत्शी को त्रिपुरा में विशेष पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया था। सीईओ ने इससे पहले कहा था कि कई चुनाव अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है और सहायक निर्वाचन अधिकारियों द्वारा ऐसे सूक्ष्म पर्यवेक्षकों, पीठासीन अधिकारियों, चुनाव अधिकारियों राजनीतिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं जो गड़बड़ियों में शामिल रहे थे।